नए स्कूल शिक्षा शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने प्रभार लेते ही स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक बुलाई। इस बैठक में यादव ने अनुशासन के साथ शिक्षकों की समय पर नियमित उपस्थिति, स्कूलों की नियमित मॉनिटरिंग और शिक्षा गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में शिक्षकों की वेशभूषा शालीन होनी चाहिए। नशे में स्कूल आने वाले शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई करने कहा है।
मंत्री ने मंत्रालय में स्कूल शिक्षा विभाग के कामकाज, योजनाओं की समीक्षा की। शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने विभागीय संरचना, योजनाओं और कार्यक्रमों पर पावर पाइंट प्रेजेन्टेशन दिया। शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे स्कूलों में शिक्षण कार्य की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें।
मंत्री यादव ने शिक्षकों के क्लेम केस का त्वरित निराकरण किया जाए। शिक्षा मंत्री ने कहा कि, शिक्षकों को बच्चों के सामने मॉडल बनना है, तो वेशभूषा शालीन होनी चाहिए। इसके अलावा नशे में स्कूल आने वाले शिक्षकों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
विद्यालयों की स्थिति पर गहन जानकारी जरूरी
मंत्री यादव ने कहा कि, अधिकारियों को अपने क्षेत्र की प्रत्येक शाला की अद्यतन जानकारी रखनी चाहिए। इसके लिए नियमित रूप से स्कूलों का निरीक्षण करें और प्राचार्यों, प्रधान पाठकों एवं शिक्षकों से संवाद बनाए रखें। उन्होंने स्पष्ट किया कि अधिकारियों की सक्रियता और जिम्मेदारी से ही विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित हो सकती है।
शिक्षकीय प्रशिक्षण का वार्षिक कैलेंडर
मंत्री यादव ने निर्देश दिया कि शिक्षकीय प्रशिक्षण का वार्षिक कैलेंडर तैयार किया जाए। प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्रीष्मावकाश के दौरान ही आयोजित किए जाएं ताकि पढ़ाई प्रभावित न हो। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को प्रशिक्षण के दौरान नई तकनीकों, नवाचारों और आधुनिक शिक्षण पद्धतियों से अवगत कराना आवश्यक है।
विभागीय कार्यों में समन्वय पर जोर
मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे आपसी समन्वय और टीम भावना के साथ कार्य करें। जब अधिकारी, शिक्षक और स्कूल प्रबंधन एक साझा दृष्टिकोण से काम करेंगे तभी विभागीय योजनाओं और कार्यक्रमों का सही प्रभाव सामने आएगा।
इस बैठक में माध्यमिक शिक्षा मंडल की अध्यक्ष रेणु जी पिल्ले सहित समग्र शिक्षा, एससीईआरटी, माध्यमिक शिक्षा मंडल, पाठ्य पुस्तक निगम, मदरसा बोर्ड, लोक शिक्षण संचालनालय, संस्कृत विद्या मंडलम, स्काउट-गाइड और एनसीसी के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी अपनी-अपनी गतिविधियों की जानकारी प्रस्तुत की।