शेयर बाजार (Stock Market) में मंगलवार को कारोबार की शुरुआत के साथ जो गिरावट शुरू हुई, वो मार्केट क्लोज होने तक बढ़ती ही चली गई और अंत में दोनों इंडेक्स बुरी तरह टूटकर बंद हुए. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 849 अंक की तगड़ी गिरावट लेकर बंद हुआ, तो वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी इंडेक्स ने 255 अंक टूटकर क्लोजिंग की. इस बीच लार्जकैप से लेकर स्मॉलकैप कंपनियों तक के शेयर भरभराकर टूटे. बाजार में अचानक ये बड़ी गिरावट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा भारत पर लगाए गए एक्स्ट्रा 25% टैरिफ की औपचारिक अधिसूचना जारी होने के बाद आई.
849 अंक टूटा सेंसेक्स, निफ्टी भी धराशायी
बीएसई का सेंसेक्स मंगलवार को 81,377.39 पर ओपन होने के बाद दिनभर गिरावट में कारोबार करता हुआ नजर आया और 80,685.98 के स्तर तक फिसला. हालांकि शेयर मार्केट के बंद होते-होते मामूली रिकवरी देखने को मिली फिर भी Sensex अंत में 849.37 अंक या 1.04% की गिरावट लेकर 80,786.54 पर बंद हुआ. इसके अलावा Nifty ने भी बड़ी गिरावट लेकर कारोबार खत्म किया. एनएसई का ये इंडेक्स 24,899.50 पर ओपन होने के बाद कारोबार के दौरान 24,689.60 के स्तर तक टूटा और अंत में 255.70 अंक या 1.02% फिसलकर 24,713.05 पर बंद हुआ.
इन बड़ी कंपनियों के शेयर बिखरे
शेयर मार्केट में मंगलवार को आई इस बड़ी गिरावट के बीच देश की बड़ी कंपनियों के शेयर बिखरे हुए नजर आए. मार्केट क्लोज होने पर लार्जकैप कैटेगरी में शामिल SunPharma Share (3.40%), Tata Steel Share (2.88%), Bajaj Finance Share (2.67%), Trent Share (2.45%), M&M Share (2.02%), Bajaj Finserve Share (2%), Reliance Stock (2%) और Axis Bank Share (1.86%) गिरकर बंद हुए.
ट्रंप के टैरिफ अटैक से सहमा बाजार
गौरतलब है कि US President डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया था और ये 1 अगस्त से प्रभावी है. इसके भारत की रूसी तेल और हथियार खरीद को मुद्दा बनाते हुए उन्होंने एक्स्ट्रा 25% टैरिफ का ऐलान किया था और ये अतिरिक्त टैरिफ कल यानी 27 अगस्त 2025 से लागू होने वाला है.
भारत से आयातित वस्तुओं पर इस अतिरिक्त टैरिफ लगाने की औपचारिक अधिसूचना अमेरिका की ओर से जारी कर दी गई है. इसके बाद भारत ब्राजील के साथ सबसे ज्यादा 50% Trump Tariff झेलने वाला देश बन जाएगा. इसका असर प्रभाव एनर्जी से लेकर फाइनेंस स्टॉक, बैंकिंग और स्टील शेयरों में गिरावट के रूप में देखने को मिला.