जापान और चीन की यात्रा पर जाएंगे प्रधानमंत्री मोदी, मिलेगा व्यापार और सुरक्षा संबंधों को नया आयाम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सप्ताह दो अहम विदेश दौरों पर निकल रहे हैं। वे 28 अगस्त को जापान पहुंचेंगे और वहां प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यह यात्रा सात साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की जापान यात्रा होगी। इससे पहले मोदी 2018 में जापान गए थे। इस दौरान दोनों नेता व्यापार, निवेश और तकनीकी सहयोग को गहरा करने पर चर्चा करेंगे। प्रधानमंत्री जापानी और भारतीय उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेंगे और टोक्यो के बाहर भी कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे।

भारत-जापान संबंध लंबे समय से एशिया की स्थिरता और विकास के लिए अहम माने जाते हैं। यह मोदी की जापान की आठवीं यात्रा होगी, जो दर्शाती है कि भारत इन संबंधों को कितनी प्राथमिकता देता है। दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग, आपूर्ति श्रृंखला और नई तकनीकों में साझेदारी को भी विस्तार देने की संभावना है।

जापान यात्रा पूरी करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी 31 अगस्त को चीन जाएंगे। यहां वे तियानजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। SCO की यह 25वीं बैठक होगी, जिसमें आतंकवाद और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। संगठन के 10 सदस्य देशों में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान और मध्य एशियाई राष्ट्र शामिल हैं।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, चीन यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और अन्य सदस्य देशों के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। 31 अगस्त की शाम स्वागत भोज होगा, जबकि 1 सितंबर को औपचारिक शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।

यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर मतभेद चर्चा का विषय बने हुए हैं। ऐसे में मोदी का यह दौरा एशिया में भारत की कूटनीति को मजबूत करने और क्षेत्रीय आर्थिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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