केरल के त्रिशूर स्थित गुरुवायुर श्री कृष्ण मंदिर में फैशन इन्फ्लुएंसर जैस्मीन जाफर के वीडियो ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। जैस्मीन ने मंदिर के पवित्र तालाब में पैर धोते हुए एक वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर साझा कर दिया। वीडियो वायरल होते ही लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया और मंदिर प्रशासन ने भी इसे परंपराओं का उल्लंघन बताते हुए कड़ी आपत्ति जताई।
गुरुवायुर देवास्वोम की ओर से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। प्रशासन का कहना है कि यह तालाब पवित्र है और यहां आराट्टू जैसे धार्मिक अनुष्ठान होते हैं। उनका आरोप है कि जैस्मीन ने वहां वीडियो शूट कर मंदिर की गरिमा को ठेस पहुंचाई। हाईकोर्ट की ओर से भी मंदिर परिसर में वीडियो बनाने पर प्रतिबंध है। इस वजह से मंदिर अधिकारियों ने फैसला लिया कि शुद्धिकरण अनुष्ठान किया जाएगा और दर्शन अस्थायी रूप से रोके जाएंगे।
मंदिर प्रशासन ने बताया कि 27 अगस्त से छह दिनों तक विशेष पूजा की जाएगी। इस दौरान 18 तरह की पूजा और 18 शैलियां दोहराई जाएंगी। सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक रहेगी और शुद्धिकरण प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही दर्शन की अनुमति दी जाएगी।
जैस्मीन जाफर, जो बिग बॉस मलयालम सीजन 6 की प्रतिभागी रह चुकी हैं, ने विवाद बढ़ने पर माफी मांगी और अपने सोशल मीडिया से वीडियो हटा दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रतिबंधों की जानकारी नहीं थी। बावजूद इसके, मंदिर प्रशासन ने परंपराओं की मर्यादा बनाए रखने के लिए शुद्धिकरण कराने का निर्णय लिया।
यह घटना एक बार फिर इस बहस को जन्म देती है कि सोशल मीडिया के लिए बनाए गए कंटेंट और धार्मिक परंपराओं की पवित्रता के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए।