देश में पहली बार सरकार ने जानवरों के लिए खून चढ़ाने और ब्लड बैंक से जुड़े व्यापक नियम बनाए हैं। सोमवार को जारी की गई इन गाइडलाइंस के तहत अब हर राज्य में सरकारी नियंत्रण वाले वेटरनरी ब्लड बैंक स्थापित होंगे। इनमें सुरक्षा मानकों के मुताबिक ढांचा तैयार किया जाएगा और खून चढ़ाने से पहले ब्लड टाइपिंग और क्रॉस-मैचिंग अनिवार्य होगी। इसका उद्देश्य गलत मिलान से जानवरों को होने वाले नुकसान को रोकना है।
सरकार ने यह कदम इमरजेंसी वेटरनरी हेल्थकेयर की बड़ी कमी को दूर करने के लिए उठाया है। अब तक जानवरों को खून चढ़ाने की कोई राष्ट्रीय व्यवस्था नहीं थी और यह प्रक्रिया बिना तय नियमों के की जाती थी। नई गाइडलाइन में डोनर जानवर की सेहत, टीकाकरण, उम्र और बीमारियों की जांच को अनिवार्य किया गया है। साथ ही स्वेच्छा से रक्तदान पर जोर देते हुए “डोनर राइट्स चार्टर” लागू करने की बात कही गई है।
गाइडलाइन के तहत “वन हेल्थ” सिद्धांत अपनाया जाएगा ताकि इंसानों और जानवरों दोनों में फैलने वाली बीमारियों पर रोक लग सके। इसके अलावा एक राष्ट्रीय पशु ब्लड बैंक नेटवर्क (N-VBBN) भी बनाया जाएगा, जिसमें डिजिटल रजिस्टर, रियल-टाइम स्टॉक और इमरजेंसी हेल्पलाइन की सुविधा होगी। पशु चिकित्सा शिक्षा में भी खून चढ़ाने से जुड़ी ट्रेनिंग शामिल की जाएगी।
भविष्य में मोबाइल ब्लड कलेक्शन यूनिट्स, दुर्लभ रक्त समूहों को संरक्षित रखने की तकनीक और डोनर-मरीज मिलान के लिए मोबाइल ऐप्स को बढ़ावा दिया जाएगा। वर्तमान में भारत में लगभग 537 मिलियन पशुधन और 125 मिलियन पालतू जानवर हैं। यह क्षेत्र कृषि जीडीपी में 30% और राष्ट्रीय जीडीपी में 5.5% से अधिक योगदान देता है। ऐसे में यह कदम पशु स्वास्थ्य सुरक्षा और ग्रामीण आजीविका के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है।