‘मैंने नर्क देखा है…,’ इंडियन डॉक्टर ने किया मरकर जिंदा होने का दावा

एक डॉक्टर जो अपने मरीजों के निकट मृत्यु के अनुभवों के दावों को खारिज कर देते थे. उनके साथ ऐसी घटना हुई, जिसके बाद से इन चीजों के प्रति उनका नजरिया ही बदल गया. उन्होंने मृत्यु के बाद होने वाली घटनाओं के लेकर चौंकाने वाला दावा किया है.

मिरर की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय मूल के डॉ. राजीव पारती अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित बेकर्सफील्ड हार्ट हॉस्पिटल में मुख्य एनेस्थिसियोलॉजिस्ट थे. उनका दावा है कि एक सर्जरी के दौरान उनका हृदय रुक गया था और वह कुछ देर के लिए मृत हो गए थे. इसके बाद उन्होंने जो कुछ भी अनुभव किया वो चौंकाने वाला था.

एक सर्जरी के दौरान मृत होने का किया दावा
उनका कहना है कि जब खुद वह मृत्यु के बाद की दुनिया में पहुंचे तो ऐसी घटनाएं जिसे वह सिर्फ कपोल-कल्पित मानते थे, उसके प्रति उनका दृष्टिकोण  एकदम से बदल गया है.  डॉ. पारती ने दावा किया कि 2008 में, जब वे 51 वर्ष के थे. प्रोस्टेट कैंसर की सर्जरी  के दौरान उनकी हृदय गति रुक ​​गई थी. इस वजह से वह कुछ देर के लिए मृत हो गए थे.

उन्होंने दावा किया कि अपनी मौत के बाद मैंने दर्द और पीड़ा से भरी लोगों की चीखें सुनीं. मुझे ऐसा लगा कि मैं किसी ऐसी घाटी के किनारे एक सड़क पर पहुंच गया हूं जो धधक रही है. उस जलती हुई घाटी से मांस के जलने जैसी गंध आ रही थी. उसके धुएं मेरी नाक में भर गए थे. तब मुझे अहसास हुआ कि मैं नर्क के पास खड़ा हूं. यह मृत्यु के बाद नर्क का दृश्य था. वह नर्क के दरवाजे के पास खड़े थे.

जब नर्क से स्वर्ग ले गए फरिश्ते
डॉक्टर ने बताया कि फिर मुझे दो फरिश्ते मिले. दोनों मुझे उस नर्क जैसी जगह से किसी सुरंग जैसे दरवाजे से होते हुए एक अद्भुत सुंदर स्थान तक ले गए. जहां सिर्फ प्रकाश ही प्रकाश था. उसी प्रकाश से एक शख्स को निकलते भी देखा और उनसे डॉक्टर ने सवाल भी किया.

उन्होंने कहा कि फिर मैंने खुद को ऑपरेशन टेबल पर भी पड़ा हुआ देखा. डॉ. पारती का दावा है कि यह उनके मृत्यु के बाद की जिंदगी देखने का अनुभव था. इसके बाद उनकी पूरी जिंदगी ही बदल गई. उन्होंने अपने प्रोफेशन को अलविदा कह दिया.

इस घटना के बाद डॉक्टर का जीवन को लेकर बदल गया नजरिया
डॉ. पारती ने कहा कि इस अनुभव से वे हिल गए थे. इस घटना के बाद उन्होंने खुद से सवाल किया कि अपना सारा जीवन बेहतर घरों और बेहतर कारों की तलाश में क्यों बिताया. उन्होंने बेकर्सफील्ड से इस्तीफा दे दिया. अपनी कारें और हवेली बेच दीं और फिर ‘डाइंग टू वेक अप: ए डॉक्टर्स वॉयेज इनटू द आफ्टरलाइफ एंड द विजडम ही ब्रॉट बैक’ नामक पुस्तक लिखी.

डॉ. राजीव पारती पहले ऐसे शख्स नहीं है, जिन्होंने निकट मृत्यु का अनुभव किया हो. कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने मरने के बाद दूसरी दुनिया देखने का दावा किया है. वहीं कुछ ने मरने के बाद अपने परिजनों की बात सुनने और खुद के लिए उन्हें रोते हुए देखने भी दावा किया है.

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