रीवा में मास्टर जी का वीडियो वायरल, पढ़ने-लिखने में असमर्थ होने की कबूलनामा, जांच के आदेश

मध्य प्रदेश के रीवा जिले से शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करने वाला एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में शिक्षक खुद यह स्वीकार करते दिखाई दे रहे हैं कि वे न तो ठीक से पढ़ सकते हैं और न ही लिख सकते हैं। मामला संज्ञान में आने के बाद कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं।

यह घटना त्योंथर विकासखंड के रायपुर जनशिक्षा केंद्र के अंतर्गत बारी चौरा प्राथमिक विद्यालय की है। यहां तैनात शिक्षक दिनेश द्विवेदी ने कैमरे के सामने खुद स्वीकार किया कि वे पढ़ने-लिखने में सक्षम नहीं हैं। यह खुलासा तब और गंभीर हो गया जब यह जानकारी सामने आई कि वे दो साल बाद सेवा निवृत्त होने वाले हैं। सवाल यह उठ रहा है कि जो शिक्षक खुद पढ़-लिख नहीं सकते, वे बच्चों को कैसी शिक्षा देंगे।

जानकारी के मुताबिक, दिनेश द्विवेदी लंबे समय से इस स्कूल में पढ़ा रहे हैं। वायरल वीडियो में वे यह कहते नजर आ रहे हैं कि वे न तो किसी किताब को सही से पढ़ सकते हैं और न ही अपना नाम ठीक से लिख सकते हैं। इस स्वीकारोक्ति ने शिक्षा विभाग और प्रशासन दोनों को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

मामले ने लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है। अभिभावकों और ग्रामीणों का कहना है कि सरकार शिक्षा सुधार पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर हालात बेहद खराब हैं। ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है।

वहीं, जिला कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कहा है कि वीडियो उनके संज्ञान में आया है और उन्होंने तत्काल जिला शिक्षा अधिकारी को जांच सौंपी है। जांच पूरी होने के बाद संबंधित शिक्षक के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

यह घटना इस बात का उदाहरण है कि व्यवस्था की खामियां किस तरह बच्चों के भविष्य को प्रभावित कर रही हैं। एक ओर सरकार डिजिटल शिक्षा और नई नीतियों के जरिए शिक्षा स्तर सुधारने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर ऐसे मामले सामने आकर सिस्टम की पोल खोल देते हैं।

अब देखना यह होगा कि जांच के बाद प्रशासन इस मामले में क्या सख्त कदम उठाता है और क्या दोषी शिक्षक पर कोई ठोस कार्रवाई होती है या फिर मामला सिर्फ खानापूर्ति तक सीमित रह जाता है।

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