फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) ने सरकार से गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) का नया स्ट्रक्चर जल्दी लागू करने की अपील की है. उनका कहना है कि GST को लेकर बनी अनिश्चितता कार और टू-व्हीलर की बिक्री पर असर डाल रही है. सितंबर 2025 की शुरुआत में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होने वाली GST परिषद की बैठक में टू-स्लैब टैक्स सिस्टम पर फैसला लिया जाएगा. अगर कारों पर टैक्स 28% से घटकर 18% हो जाता है तो ग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी.
डीलर्स और ग्राहकों की दुविधा
- रिपोर्ट के मुताबिक, FADA ने वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर कहा है कि GST कटौती की घोषणा ने डीलर्स को मुश्किल स्थिति में डाल दिया है. त्योहारी सीजन से पहले स्टॉक बढ़ाया जा रहा है, लेकिन ग्राहक खरीदारी टाल रहे हैं और नई टैक्स दरों पर सवाल पूछ रहे हैं. इससे डर है कि इस बार फेस्टिव सीजन में सेल्स उम्मीद से कम रह सकती है.
FADA की सरकार से मांग
- FADA ने कहा कि GST परिषद की बैठक जल्दी की जाए ताकि त्योहारी सीजन शुरू होने से पहले ही नई व्यवस्था लागू हो सके. साथ ही बैंकों और NBFCs से किस्त भुगतान की अवधि 30 से बढ़ाकर 45 दिन करने की मांग की गई है, जिससे डीलर्स पर वित्तीय दबाव कम हो. इसके अलावा उपकर क्रेडिट के इस्तेमाल को लेकर भी स्पष्टता मांगी गई है.
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर टैक्स का बोझ
- वर्तमान में GST चार स्लैब ( 5%, 12%, 18% और 28% ) में है. ऑटोमोबाइल पर सबसे ज्यादा 28% टैक्स लगता है और इसके साथ 1% से 22% तक का सेस भी जुड़ जाता है. छोटे पेट्रोल कारों पर कुल टैक्स बोझ लगभग 29% होता है, जबकि SUVs पर यह 50% तक पहुंच जाता है. इसके मुकाबले इलेक्ट्रिक वाहनों पर सिर्फ 5% GST लगता है. FADA का मानना है कि अगर GST कटौती तुरंत लागू हो जाती है तो त्योहारी सीजन में बाजार फिर से रफ्तार पकड़ लेगा. इससे न सिर्फ ग्राहकों को फायदा होगा बल्कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को भी नई ताकत मिलेगी.
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