ब्राम्हणपारा वार्ड में पानी की समस्या सुलझाने के लिए नगर निगम ने सेंसर और कैमरा से लैस रोबोटिक मशीन का सहारा लिया था, उसका दो दिन का डेमो पूरा हो गया है। चेन्नई की सोना लाइट कंपनी ने सोमवार और मंगलवार को अलग-अलग इलाकों में पाइप लाइन की जांच की।
अब कंपनी अपनी विस्तृत रिपोर्ट निगम को सौंपेगी, जिसके आधार पर यह तय होगा कि आगे का काम उसी को दिया जाए या नहीं। नगर निगम की ओर से पहली बार पानी की किल्लत से जूझ रहे इलाकों की समस्या दूर करने के लिए रोबोटिक मशीन का इस्तेमाल किया गया है।
2 दिनों में 9 घंटे रोबोटिक मशीन से जांच
कंपनी के फिल्ड सर्विस एसोसिएट समीर कुमार ने बताया कि ब्राम्हणपारा वार्ड के अलग अलग इलाकों में 2 दिन टैस्टिंग का काम किया गया है। सुबह पानी की सप्लाई होने के बाद रोबोटिक मशीन को पाइप लाइन के अंदर 9 घंटे रोबोट ने प्रेशर, लीकेज और डाया जैसी खामियों की जांच की गई।
जांच में ये फॉल्ट सामने आया
समीर कुमार ने बताया कि 2 दिन की जांच में हमें यह पता चला है कि पाइप लाइन में कुछ जगह माइनर स्लोप है। कुछ जगह पाइप लाइन का कनेक्शन ऊपर-नीचे है। हालांकि ये माइनर चीजे दिखाई दी है। फिलहाल इसमें मेजर समस्या जांच में सामने नही आई है। जांच के दौरान हमने पाइपलाइन के अंदर की फोटग्राफी और वीडियोग्राफी की है। 2 दिन तक एनॉलिसिस करके हम अपनी जांच में रिपोर्ट नगर निगम को सौंपेंगे ।
आधा दर्जन इलाकों में संकट
ब्राम्हणपारा वार्ड के धोबीपारा, पंचपथ पारा गली, अवधिया पारा और भोईपारा की सिंधी गली समेत कई मोहल्लों में लंबे समय से पानी की समस्या बनी हुई है। बारिश के मौसम में हालात और बिगड़े हैं, जिसके चलते नगर निगम को यहां पानी टैंकर भेजने पड़ते है। यहां नल का कनेक्शन तो लगाया गया है लेकिन लोगों के घरों में प्रेशर से पानी नहीं आता है।
रिपोर्ट आने के बाद निर्णय लेंगे
नगर निगम जल विभाग के कार्यपालन अभियंता नरसिंग फरेंद्र ने बताया कि कंपनी अब अपनी ऑनलाइन और ऑफलाइन रिपोर्ट निगम को सौंपेगी। रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद तय होगा कि आगे भी यही कंपनी इस काम को जारी रखेगी या किसी और एजेंसी को मौका दिया जाएगा।
ऐसे काम करती है रोबोटिक मशीन
यह एक सेंसर और कैमरा युक्त रोबोटिक मशीन होती है, जिसे पाइपलाइन (चाहे वह सीवर लाइन हो या पानी की सप्लाई लाइन) के अंदर भेजा जाता है। इसका आकार आमतौर पर छोटा होता है और यह रिमोट-कंट्रोल या ऑटोमैटिक मोड पर चलती है।
ड्रेनेज या पानी की सप्लाई पाइपलाइन का एक छोर खोला जाता है। रोबोटिक मशीन को उसमें धीरे-धीरे आगे बढ़ाया जाता है। इसमें हाई-डेफिनिशन कैमरे लगे होते हैं, जो पाइपलाइन की वीडियो रिकॉर्डिंग करते हैं। प्रेशर सेंसर और फ्लो सेंसर पाइपलाइन में पानी के दबाव और प्रेशर की जांच करते हैं। अल्ट्रासोनिक सेंसर या लेज़र स्कैनर पाइप की मोटाई, जॉइंट्स और क्रैक की भी पहचान करते हैं। कुछ मशीनें 360° कैमरा और 3-एंगल व्यू से अंदरूनी सतह को स्कैन करती हैं।
डाटा ट्रांसफर और रिपोर्ट
- मशीन जो भी रिकॉर्ड करती है, वह लाइव स्क्रीन पर दिखाई देता है।
- सारा डेटा स्टोर होकर ऑनलाइन और ऑफलाइन रिपोर्ट के रूप में मिलता है।
- रिपोर्ट से यह तय किया जाता है कि पाइपलाइन में कहां रिपेयर या रिप्लेसमेंट करना है।