फिजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी लिगाममादा राबुका भारत दौरे पर हैं. उन्होंने मंगलवार को नई दिल्ली के सप्रू हाउस में इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स (ICWA) द्वारा आयोजित ‘ओशन ऑफ पीस’ लेक्चर में हिस्सा लिया. इस दौरान दर्शकों के साथ बातचीत में राबुका ने बिना नाम लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके द्वारा भारत पर लगाए गए 50% पर तंज कसा.
उन्होंने कहा, ‘मैंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाल की मुलाकात में अमेरिका द्वारा भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ लगाए जाने के संदर्भ में बताया कि कोई आपसे बहुत खुश नहीं है. लेकिन आप इतने बड़े हैं (भारत के संदर्भ में) कि इन परेशानियों का सामना कर लेंगे.’ बता दें कि अमेरिका ने भारत के रूसी तेल खरीदने के कारण 25% अतिरिक्त शुल्क सहित भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ लगाया है, जो 27 अगस्त से लागू होगा. इससे झींगा, परिधान, चमड़ा और रत्न-आभूषण जैसे श्रम-प्रधान निर्यात क्षेत्र प्रभावित होंगे.
भारत और फिजी के बीच हुए 7 समझौते
राबुका रविवार को तीन दिवसीय यात्रा पर दिल्ली पहुंचे. उन्होंने कहा कि उनकी भारत यात्रा का उद्देश्य समुद्री सुरक्षा, व्यापार, स्वास्थ्य, डिजिटल प्रौद्योगिकी और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करना है. पीएम मोदी और फिजी के प्रधानमंत्री राबुका के बीच सोमवार को व्यापक बातचीत हुई, जिसमें रक्षा सहयोग को बढ़ाने और एक शांतिपूर्ण, समावेशी इंडो-पैसिफिक के लिए संयुक्त रूप से काम करने की योजना बनाई गई. दोनों देशों ने सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए.
ICWA आयोजन में राबुका ने अपने ‘ओशन ऑफ पीस’ विजन पर जोर दिया, जो प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देता है. उन्होंने कहा, ‘भारत इस प्रयास में एक महत्वपूर्ण साझेदार है. फिजी और भारत मिलकर प्रशांत को शांति का सागर’ बनाने के लिए काम कर सकते हैं, जो न केवल हमारे क्षेत्र के लिए, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी योगदान देगा.’ राबुका ने बताया कि पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस अवधारणा का समर्थन किया है.
ग्लोबल साउथ में भारत की अहम भूमिका
फिजी के प्रधानमंत्री राबुका ने कहा कि वैश्विक घटनाएं छोटे देशों को प्रभावित करती हैं और भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव का असर फिजी जैसे देशों पर भी पड़ता है. फिजी के प्रधानमंत्री राबुका ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी पर सहमति जताई और ग्लोबल साउथ के लिए भारत की भूमिका की सराहना की. फिजी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन दोहराया.