दुनियाभर में चलेगी ये मेड-इन-इंडिया कार, बन सकता है एक्सपोर्ट का नया रिकॉर्ड, 100 देशों में जाएंगी गाड़ियां

मारुति सुजुकी की पहली इलेक्ट्रिक कार ई-विटारा (Maruti e-Vitara) एक्सपोर्ट के लिए तैयार है. 26 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में कंपनी ने पहली कार को हरी झंडी दिखाई. शुरुआत में यह कार भारत से एक्सपोर्ट की जाएगी. भारत में लॉन्च होने के बाद इसकी बिक्री शुरू होगी. मेक-इन-इंडिया विजन की बदौलत भारत कार एक्सपोर्ट के मामले में तरक्की कर रहा है. भारत का कार एक्सपोर्ट साल-दर-साल नई ऊंचाईयों को छू रहा है.

वाहन निर्माताओं के संघ SIAM के आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जून तक की पहली तिमाही में भारत का ऑटोमोबाइल निर्यात पिछले साल के मुकाबले 22% बढ़ा है. इसका कारण यात्री वाहनों का रिकॉर्ड शिपमेंट रहा. दोपहिया और कमर्शियल वाहनों जैसे सेगमेंट्स में भी मजबूत प्रदर्शन देखने को मिला. पहली तिमाही में सभी कैटेगरी का कुल निर्यात बढ़कर 14,57,461 यूनिट हो गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 11,92,566 यूनिट था. यात्री वाहनों यानी कारों की बात करें तो पहली तिमाही में अब तक के सबसे ऊंचे स्तर 2,04,330 यूनिट तक पहुंच गया. यह पिछले साल की समान अवधि के 1,80,483 यूनिट के मुकाबले 13% ज्यादा है.

इन देशों में बढ़ी रही मांग

SIAM ने यात्री वाहनों के निर्यात में हुई ग्रोथ का कारण ज्यादातर वैश्विक बाजारों में स्थिर मांग को बताया. खासतौर पर मध्य पूर्व और लैटिन अमेरिका जैसे क्षेत्रों में मजबूत प्रदर्शन देखने को मिला. SIAM ने यह भी बताया कि पड़ोसी देशों श्रीलंका और नेपाल में फिर से बढ़ती मांग, जापान से आ रहा अतिरिक्त ऑर्डर और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) के तहत बढ़ी हुई शिपमेंट ने भी कुल निर्यात को रफ्तार दी है. अगर सबकुछ इसी तरह रहा तो इस वित्त वर्ष में कार भारत का कार निर्यात नया रिकॉर्ड बना सकता है.

e-Vitara से मिलेगा एक्सपोर्ट को बूस्ट

मारुति सुजुकी ने पहले ही वित्त वर्ष 2026 में 67,000 इलेक्ट्रिक वाहन बनाने का लक्ष्य तय किया है. इनमें से ज्यादातर वाहन निर्यात किए जाएंगे. कंपनी ने बताया कि e-Vitara मॉडल की शुरुआती खेप यूरोप भेजी जाएगी. जिन पहले देशों में यह गाड़ी पहुंचेगी, उनमें यूके, जर्मनी, नॉर्वे, फ्रांस, डेनमार्क, स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड, स्वीडन, हंगरी, आइसलैंड, इटली, ऑस्ट्रिया और बेल्जियम शामिल हैं. e-Vitara को 100 से ज्यादा देशों में निर्यात किए जाने की उम्मीद है. यह भारत में बनी पहली इलेक्ट्रिक कार होगी जिसे इतने बड़े पैमाने पर विदेशी बाजारों में भेजा जाएगा. सुजुकी ने यह भी पुष्टि की है कि हंसलपुर स्थित नया प्लांट घरेलू बिक्री के साथ-साथ निर्यात के लिए भी कंपनी का नया मैन्युफैक्चरिंग बेस होगा. इस लिहाज से देखा जाए तो e-Vitara से एक्सपोर्ट को तगड़ा बूस्ट मिलने की उम्मीद है.

देश की सबसे बड़ी एक्सपोर्टर है मारुति सुजुकी

पिछले कुछ सालों की तरह इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भी मारुति सुजुकी सबसे बड़ी एक्सपोर्ट थी. कंपनी ने 96,181 यूनिट शिप किए, जो पिछले साल अप्रैल-जून तिमाही के 69,962 यूनिट से 37% से ज्यादा है. पिछले चार सालों से मारुति सुजुकी सबसे आगे रही है. कुल कार निर्यात में मारुति सुजुकी की हिस्सेदारी करीब आधी है. भारत में कार बनाकर एक्सपोर्ट करने वाली कंपनियों में हुंडई मोटर दूसरे नंबर है. कंपनी ने बीती तिमाही में 48,140 यूनिट निर्यात किए, जो पिछले साल की समान अवधि के 42,600 यूनिट की तुलना में 13% ज्यादा है.

टाटा और महिंद्रा भी बढ़ाएंगी एक्सपोर्ट

भारतीय कार निर्माता टाटा और महिंद्रा भी इस साल अपने कार एक्सपोर्ट को बढ़ाएंगी. टाटा ने हाल ही में एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए दक्षिण अफ्रीका के पैसेंजर व्हीकल मार्केट में एंट्री की है. कंपनी यहां मास-मार्केट SUV और हैचबैक लेकर आएगी. ऑटोमेकर ने 2017-18 में अफ्रीकी बाजार में कारों का निर्यात बंद कर दिया था, लेकिन 19 अगस्त को फिर से वापसी की है. इसके अलावा हाल ही में हुई भारत-यूके ट्रेड डील के बाद महिंद्रा भी अपनी इलेक्ट्रिक कारों को UK में निर्यात करने की तैयारी कर रही है. महिंद्रा अब अपना फोक्स इलेक्ट्रिक कारों के साथ-साथ दुनिया के बाजारों पर बढ़ा रही है.

पिछली साल रहा रिकॉर्ड एक्सपोर्ट

FY25 में भारत की पैसेंजर व्हीकल इंडस्ट्री ने निर्यात में रिकॉर्ड तोड़ उपलब्धि हासिल की थी, जिससे यह साबित होता है कि देश धीरे-धीरे एक वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनता जा रहा है. अनुमानों के अनुसार, जो 31 मार्च 2025 को समाप्त हुए वित्त वर्ष 2024-25 में 7,55,000 से 7,65,000 कारों का निर्यात किया गया. यह पिछले साल के 6,72,000 यूनिट्स की तुलना में 12-14% ज्यादा रहा. इस निर्यात में सबसे बड़ा हिस्सा मारुति सुजुकी का रहा. मारुति ने 3,32,585 यूनिट्स विदेश भेजे. इसमें जापान को भी शिपमेंट शामिल था, जहां फाइव-डोर जिम्नी और फ्रॉन्क्स जैसे मॉडल्स को अच्छी प्रतिक्रिया मिली.

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