हरियाणा विधानसभा में मंगलवार को शून्यकाल के दौरान बीजेपी विधायक राम कुमार गौतम ने एक नए कानून की मांग उठाई. सफीदों सीट से विधायक गौतम ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए यह जरूरी है कि लड़के-लड़कियों की शादी से पहले पैरेंट्स की अनुमति अनिवार्य हो.
राम कुमार गौतम ने कहा, “लड़के-लड़कियां भाग जाते हैं… कई मामलों में ऐसा हुआ है कि बाद में पैरेंट्स को आत्महत्या तक करनी पड़ी. मेरी सरकार से मांग है कि ऐसा कानून बनाया जाए, जिसमें शादी से पहले माता-पिता की अनुमति लेना अनिवार्य हो.”
शून्यकाल के दौरान उन्होंने जमीन के कलेक्टर रेट्स का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि कई जगहों पर कलेक्टर रेट और मार्केट रेट के बीच बड़ा अंतर है. इस अंतर को ठीक करना जरूरी है क्योंकि इससे भ्रष्टाचार को रोकने में मदद मिलेगी.
विधायक के बोलने का निर्धारित समय पूरा होने पर विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण ने उन्हें बैठने को कहा, लेकिन राम कुमार गौतम ने बोलना जारी रखने की कोशिश की, जिस पर स्पीकर ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, “अगर आप इसके आगे कुछ कहना चाहते हैं तो नोटिस दें. जो भी करना होगा, मैं उसके अनुसार कार्रवाई करूंगा.”
बीजेपी विधायक राम कुमार गौतम की यह मांग अब बहस का विषय बन सकती है कि क्या शादी जैसे निजी फैसले में पैरेंट्स की अनुमति को कानूनी रूप से बाध्यकारी बनाया जा सकता है. गौरतलब है कि वह पहले जननायक जनता पार्टी (JJP) से जुड़े हुए थे और 2024 हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे.