बिहार में इस बार के विधानसभा चुनाव में एक नई पार्टी भी चर्चा में है- ‘जन सुराज’, जिसे खड़ा किया है प्रशांत किशोर ने. उनका दावा है कि अगर मुस्लिम समुदाय उनका साथ दे तो वह न सिर्फ बिहार बल्कि उत्तर प्रदेश में भी जीत दर्ज कर सकते हैं. जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बिहार के मुस्लिम समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी नई पार्टी मुसलमानों के समर्थन से न सिर्फ बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बल्कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी हरा सकती है.
‘मैं मुस्लिम भाइयों को आमंत्रित करने आया हूं’
मोतिहारी में मंगलवार को एक सभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, ‘आज मैं अपने मुस्लिम भाइयों को आमंत्रित करने आया हूं. अगर हमें मुसलमानों का समर्थन मिलता है तो हम बिहार में नीतीश और बीजेपी को ही नहीं, बल्कि दो साल बाद उत्तर प्रदेश में योगी को भी हरा देंगे.’
राजनीतिक रणनीतिकार से खुद राजनेता बने प्रशांत किशोर ने कभी 2015 में नीतीश की वापसी का रोडमैप तैयार किया था. अब वह सत्ता में आने के लिए खुद राहें तलाश रहे हैं और अपनी पार्टी को हिंदू-मुस्लिम एकता का जरिया बता रहे हैं.
जन सुराज को तीसरा विकल्प बनाना चाहते हैं प्रशांत किशोर
उन्होंने कहा, ‘अगर 40 फीसदी हिंदू और 20 फीसदी मुसलमान एक साथ आ जाएं तो जन सुराज की जीत तय है.’ प्रशांत किशोर के इस बयान से साफ है कि वे बिहार की भीड़भाड़ वाली राजनीति में जन सुराज को तीसरे विकल्प के तौर पर पेश करना चाहते हैं.
बिहार में सत्ता पक्ष यानी एनडीए, जिसमें बीजेपी और जेडीयू शामिल है, का सीधा मुकाबला कांग्रेस और आरजेडी के महागठबंधन से है. प्रशांत किशोर लगातार नीतीश कुमार पर सीधा हमला बोल रहे हैं. हाल ही में उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री अब शासन चलाने लायक नहीं बचे हैं. उन्होंने कहा, ‘उनकी उम्र हो गई है, इसलिए अब लोगों को नीतीश से आगे देखना होगा.’
कभी नीतीश के करीबी रहे पीके आज दे रहे टक्कर
कभी नीतीश के बेहद करीबी रहे प्रशांत किशोर अब ‘जन सुराज’ और अपनी राज्यव्यापी ‘बिहार बदलाव यात्रा’ के जरिए उनके बड़े विरोधी बन गए हैं. उनकी पूरी मुहिम जमीनी स्तर पर जनसंपर्क और हिंदू-मुस्लिम एकता के जरिए हिंदी पट्टी में बीजेपी के प्रभाव को चुनौती देने पर केंद्रित है.
अब प्रशांत किशोर का यह संदेश कितना असर करता है, इसका असली इम्तिहान आने वाले बिहार विधानसभा चुनावों में होगा, जहां जन सुराज राज्य की जटिल राजनीति में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहा है.