सशस्त्र बल हर परिस्थिति के लिए तैयार रहें, रण संवाद 2025 में बोले राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मध्य प्रदेश के महू स्थित आर्मी वॉर कॉलेज में आयोजित ‘रण संवाद 2025’ में सशस्त्र बलों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय सेना को लंबे समय तक चलने वाले संघर्षों के लिए भी पूरी तरह तैयार रहना चाहिए. उन्होंने स्पष्ट किया कि युद्ध अब केवल सैन्य शक्ति तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि इसमें तकनीक, खुफिया जानकारी, अर्थव्यवस्था और कूटनीति भी अहम भूमिका निभाते हैं.

अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भारत कभी भी पहले आक्रमण नहीं करता, लेकिन चुनौती मिलने पर देश पूरी ताकत से जवाब देगा. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा अब केवल सेना का मामला नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र का दृष्टिकोण होना चाहिए.

राजनाथ सिंह ने कहा कि आज के समय में युद्ध का स्वरूप तेजी से बदल रहा है और यह तय कर पाना बेहद मुश्किल है कि कोई संघर्ष कितने समय तक चलेगा. इसलिए सेनाओं को न केवल अल्पकालिक संघर्षों बल्कि पांच साल तक खिंचने वाले युद्ध के लिए भी तैयार रहना होगा. उन्होंने दोहराया कि भारत को किसी की जमीन नहीं चाहिए, लेकिन अपनी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए हर कदम उठाने को तैयार है.

इस अवसर पर उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए तीनों सेनाओं की सराहना की. उन्होंने कहा कि यह अभियान भारत की स्वदेशी तकनीक, उपकरण और हथियार प्रणालियों की सफलता का प्रतीक है. इस ऑपरेशन की उपलब्धियों ने एक बार फिर साबित किया कि आत्मनिर्भरता अब रक्षा क्षेत्र की सबसे बड़ी आवश्यकता है.

रक्षा मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की दिशा में काफी प्रगति हुई है, लेकिन आगे का रास्ता लंबा है. उन्होंने सेनाओं से आह्वान किया कि वे आधुनिक तकनीक और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से अपनी क्षमताओं को और मजबूत करें.

रण संवाद 2025 में तीनों सेनाओं के शीर्ष नेतृत्व, रक्षा विशेषज्ञों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. इस कार्यक्रम में भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों और युद्धकला की बदलती रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा की गई. राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन के अंत में जोर देकर कहा कि भारतीय सशस्त्र बल हर परिस्थिति में देश की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं.

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