दुर्ग में म्यूल खाते से 4.50 लाख की साइबर ठगी, महिला गिरफ्तार

दुर्ग के कुम्हारी इलाके में साइबर ठगी के एक मामले का खुलासा हुआ है, जहां पुलिस ने एक महिला को गिरफ्तार किया है। आरोपी महिला निशा बेहरा पर आरोप है कि उसने अपना बैंक खाता महज 10 हजार रुपए कमीशन पर एक फेरीवाले को दिया था। इसी खाते के माध्यम से 4.50 लाख रुपए की ठगी की रकम ट्रांसफर की गई।

पुलिस प्रवक्ता पद्मश्री तंवर ने बताया कि आरोपी महिला डीएमसी तालाब पार, कुम्हारी की रहने वाली है। उसने अपना एसबीआई बैंक खाता फेरीवाले के हवाले किया था। ठगी की रकम खाते में आने के बाद निशा ने चेक के जरिए पैसे निकालकर फेरीवाले को सौंप दिए। इसके बदले उसे 10 हजार रुपए का कमीशन मिला।

जांच में सामने आया कि महिला को इस बात की जानकारी थी कि उसके खाते में आने वाली रकम ऑनलाइन ठगी से जुड़ी है, इसके बावजूद उसने अपराधियों की मदद की। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उसका बैंक पासबुक, पैन कार्ड और चेकबुक जब्त कर लिया है।

आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस का कहना है कि मामले में आगे की जांच जारी है और इसमें शामिल अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।

साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के “म्यूल अकाउंट” का इस्तेमाल अपराधी ठगी की रकम को एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर करने के लिए करते हैं, ताकि उनकी पहचान छुपी रह सके। अक्सर लोग लालच में आकर अपना बैंक खाता दूसरों को दे देते हैं और खुद ही कानूनी मुसीबत में फंस जाते हैं।

पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी परिस्थिति में अपना बैंक खाता, पासबुक, एटीएम या चेकबुक किसी अनजान व्यक्ति या संदिग्ध को न दें। ऐसा करना कानूनन अपराध है और इसमें शामिल व्यक्ति को ठगी में साझेदार माना जाता है।

यह मामला एक बार फिर इस बात की चेतावनी है कि साइबर अपराधियों की मदद करना या उनके लिए खाता उपलब्ध कराना, खुद को जेल तक पहुंचा सकता है।

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