जमुई: बिहार में गृह रक्षकों की लंबित मांगों को लेकर आक्रोश एक बार फिर सड़कों पर दिखा. जमुई समेत सभी जिला मुख्यालयों में गृह रक्षकों ने जोरदार धरना-प्रदर्शन किया. जमुई में आंदोलन की शुरुआत श्रीकृष्ण सिंह मेमोरियल स्टेडियम से रैली के रूप में हुई. यह रैली कचहरी चौक, महाराजगंज, महिसौड़ी चौक और अतिथि पैलेस होते हुए समाहरणालय पहुंची. इस रैली में बड़ी संख्या में जवान शामिल हुए और सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए.
जिला अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने कहा कि उनकी 21 सूत्री मांगें पिछले आठ वर्षों से लंबित पड़ी हैं. सरकार बार-बार आश्वासन तो देती है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार लगातार गृह रक्षकों के साथ भेदभाव कर रही है. सिंह ने चेतावनी दी कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो सरकार को आगामी चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि करीब 7 लाख वोट गृह रक्षकों और उनके परिवारों से जुड़े हैं. इन्हें नज़रअंदाज़ करना सरकार के लिए भारी पड़ सकता है.
जिला सचिव सुरेंद्र कुमार यादव ने कहा कि वर्ष 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने समान काम के लिए समान वेतन का आदेश दिया था. बावजूद इसके अब तक गृह रक्षकों को इसका लाभ नहीं मिला. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे आगामी चुनाव में मतदान कार्य का बहिष्कार करेंगे.धरना-प्रदर्शन के दौरान नियमित बहाली, सेवा सुरक्षा, समान वेतन, बीमा कवरेज और सेवानिवृत्ति लाभ जैसी मांगों पर जोर दिया गया.राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि गृह रक्षकों की नाराज़गी चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकती है. एक ओर वे राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूती देते हैं. वहीं दूसरी ओर चुनावी कार्यों में भी अहम भूमिका निभाते हैं. ऐसे में आंदोलन तेज हुआ तो सरकार और प्रशासन दोनों के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं.