छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में गणेश चतुर्थी के दिन गौ मांस काटते युवती का एक वीडियो सामने आया है। जिसे लेकर गौ रक्षक और स्थानीय लोगों ने जमकर हंगामा किया। इसके बाद आरोपी पक्ष के लोगों ने कार्यकर्ताओं पर लाठी-डंडे और हथियार से हमला कर दिया। जिससे तनाव की स्थिति बन गई।
पुलिस ने 4 घायल युवकों को अस्पताल में भर्ती कराया और विरोध करने वालों को शांत कराया। वहीं, गौ-मांस काटने वाली युवती समेत कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर किया गया है। पूरा मामला बिल्हा थाना क्षेत्र का है।
जानिए क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, बिल्हा के डोड़कीभाठा के ओडिया मोहल्ले की एक युवती बुधवार को गौ मांस काट रही थी। जिसका स्थानीय युवकों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वहीं, स्थानीय युवकों ने गौ-हत्या का आरोप लगाते हुए विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया।
बताया जा रहा है कि, विरोध-प्रदर्शन के दौरान स्थानीय गौ-रक्षक युवकों के विरोध में मोहल्ले वाले भी सामने आ गए। उन्होंने विवाद शुरू कर दिया। लाठी-डंडे और हथियार लेकर आए मोहल्ले वालों ने युवकों पर हमला शुरू कर दिया। इस हमले में 4 युवक बुरी तरह से घायल हो गए। जिसके बाद गौ रक्षकों का आक्रोश भड़क गया। वहां लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई।
दोपहर में हुई इस बवाल की जानकारी पुलिस को देरी से मिली। पुलिस जब मौके पर पहुंची, तब तक शहर के गौ रक्षा दल के कार्यकर्ता भी गांव पहुंच गए थे। इस दौरान दोनों पक्षों के लोग आमने-सामने हो गए। जानलेवा हमले के बाद गौ रक्षकों का आक्रोश भड़क गया। जिसके बाद तनाव की स्थिति बन गई। नाराज गौ-रक्षक वहां से हटने का नाम नहीं ले रहे थे।
इधर, एसएसपी रजनेश सिंह को जब इस घटना की जानकारी हुई, तब सकरी, हिर्री, चकरभाठा थाने से अतिरिक्त बल भेजकर स्थिति को नियंत्रित करने के निर्देश दिए। इस दौरान पुलिस अफसरों ने गौ रक्षकों को समझाइश देकर शांत कराया। वहीं, गौ रक्षकों को मौके से थाने लेकर गए। जिसके बाद शाम को मामला शांत हुआ।
गौ-मांस जब्त कर पुलिस ने दर्ज किया केस, हिरासत में युवती
पुलिस अफसरों ने कुछ गौ-मांस को सैंपल के लिए जब्त किया है। इस मामले में केस दर्ज कर युवती को हिरासत में लिया गया है। डीएसपी डीआर टंडन ने बताया कि, गौ रक्षकों की शिकायत पर मामले में केस दर्ज किया गया है। युवती समेत कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
शिकायत के बावजूद समय पर नहीं पहुंची पुलिस
स्थानीय गौ रक्षकों ने बताया कि, उन्होंने गौ-मांस काटने की जानकारी बिल्हा पुलिस को दी थी। बताया था कि, गणेश चतुर्थी पर्व के दिन इस तरह से गौ-मांस काटना धार्मिक भावना को आहत करती है। लेकिन, पुलिस ने इस गंभीर मामले को नजरअंदाज कर दिया।
जिसके चलते गौ-रक्षकों को सामने आना पड़ा। जब उन पर हमला हो गया, तब पुलिस मौके पर पहुंची। लेकिन, तब तक माहौल तनावपूर्ण हो गया था। उनका आरोप है कि पुलिस समय पर पहुंचती, तो हमला नहीं होता और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई भी हो जाती।
मोहल्लेवालों ने कहा- यह उनका यही काम है
वहीं, गौ-मांस काटने वालों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने गाय की हत्या नहीं की है। बल्कि, उनका यही काम है। गाय पहले से मरी हुई थी, जिसे मवेशी पालक ने उन्हें दिया था। जिसका वो मांस निकाल रहे थे। लेकिन, इसे लेकर स्थानीय युवकों ने जान बुझकर ऐस माहौल बना दिया।