राजस्थान हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 रद्द…अभ्यर्थियों का भविष्य लटका अधर में

जोधपुर: राजस्थान हाई कोर्ट ने गुरुवार दोपहर बड़ा फैसला सुनाते हुए सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द कर दिया है. यह फैसला पेपर लीक के आरोपों के बाद सुनाया गया है. इस फैसले से उन हजारों अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है, जिन्होंने इस परीक्षा में सफलता हासिल की थी. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने फैसला सुनाया. इस मामले में हाईकोर्ट ने 18 अगस्त तक सभी पक्षों को अपना पक्ष लिखित में देने का आदेश दिया था.

इसके बाद 14 अगस्त तक सुनवाई पूरी कर ली गई थी और फैसला सुरक्षित था. कैलाश चंद शर्मा व अन्य की याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट मेजर RP सिंह सहित एडवोकेट हरेंद्र नील और ओमप्रकाश सोलंकी पैरवी कर रहे थे. वहीं, राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने पक्ष रखा. सफल अभ्यर्थियों का दलील थी कि परीक्षा रद्द नहीं की जाए. इन अभ्यर्थियों की ओर से सीनियर एडवोकेट RN माथुर सहित एडवोकेट तनवीर अहमद ने पैरवी की थी.

काफी समय से लंबित मामले में हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. याचिकाकर्ताओं के वकील हरेंद्र नील ने बताया कि हाईकोर्ट ने आज ये महत्वपूर्ण फैसला दिया है. उन्होंने कहा, “इसके साथ ही RPSC के 4 पूर्व सदस्यों की संलिप्तता भी मामले में बताई है. कोर्ट ने कहा है कि इस पर भी जांच करवाई जाए.”

राजस्थान एसआई भर्ती-2021 में कुल 859 पदों के लिए एग्जाम हुआ था. इसमें उप निरीक्षक (पुलिस) के 746 पद, उप निरीक्षक (आईबी) के 64 पद, प्लाटून कमांडर (आरएसी) के 38 पद और उप निरीक्षक (एमबीसी) के 11 पदों के लिए भर्ती हुई थी. परीक्षा के लिए 7.97 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था और 3.80 लाख अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में शामिल हुए.

जब 24 दिसंबर 2021 को लिखित परीक्षा का परिणाम आया तो 20 हजार 359 उम्मीदवार फिजिकल टेस्ट में पास हुए. फिजिकल टेस्ट 12–18 फरवरी 2022 तक चला और रिजल्ट 11 अप्रैल 2022 को रिजल्ट में 3291 उम्मीदवार इंटरव्यू के लिए सफल घोषित किए गए.

परीक्षा का फाइनल रिजल्ट 1 जून 2023 को घोषित हुआ. इसी बीच हसनपुरा स्वामी विवेकानंद बाल भारती सीनियर सेकेंडरी स्कूल से पेपर लीक का मामला सामने आया. स्कूल प्रिंसिपल और परीक्षा केंद्र अधीक्षक राजेश खंडेलवाल के अलावा जगदीश और ग्रेड थर्ड टीचर राजेंद्र यादव का नाम भी सामने आया है. पेपर को स्टोर रूम से निकालकर मोबाइल से फोटो खींचकर वाट्सऐप पर भेजा गया. मार्च-2024 से गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू हुआ और 122 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

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