बिहार का सीतामढ़ी जिला सियासी चर्चा के केंद्र में है. हिंदू मान्यता के मुताबिक, भगवान राम की पत्नी सीता का जन्म यहीं हुआ था. विधानसभा चुनाव की तपिश के बीच सीतामढ़ी में मां जानकी की जन्मस्थली ‘पुनौरा धाम’ बिहार की सियासत का धुरी बन गया है, जहां हर दल के प्रमुख नेता माथा टेकने के लिए पहुंच रहे हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो साल पहले अयोध्या की तरह ‘पुनौरा धाम’ को सुंदर और विकसित करने का ऐलान किया था. वहीं, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में पुनौरा धाम स्थित माता सीता के भव्य मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखी है.
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की ‘वोट अधिकार यात्रा’ सीतामढ़ी पहुंची तो दोनों ही नेताओं ने माता सीता के मंदिर जाकर माथा टेका और पूजा अर्चना कर सियासी संदेश देते नजर आए. इस तरह माता सीता के जरिए सियासी समीकरण साधने का दांव चला जा रहा है.
नीतीश-शाह का ‘पुनौरा धाम’ दांव
पुनौरा धाम बिहार के प्रमुख तीर्थ स्थलों में गिना जाता है. इसके विकास के लिए सीएम नीतीश कुमार और अमित शाह ने खजाने खोल दिए हैं. अयोध्या की तर्ज पर ही पुनौरा धाम का विकास करने की रूपरेखा बनाई गई है. नीतीश कुमार ने 2023 में ही माता सीता की जन्मस्थली के विकास का बीड़ा उठा रखा है. 2024 में अमित शाह ने सीतामढ़ी में ऐलान किया था कि अयोध्या में जिस तरह भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण किया गया है, उसी तर्ज पर सीतामढ़ी में माता सीता का मंदिर बनाया जाएगा.
बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अमित शाह और सीएम नीतीश कुमार ने 8 अगस्त को पुनौरा धाम में माता सीता के भव्य मंदिर का शिलान्यास कर अपने वादे को अमलीजामा पहनाने का काम किया. इसके जरिए उन्होंने सिर्फ सीतामढ़ी जिले को साधने का ही नहीं बल्कि पूरे मिथिला बेल्ट में सियासी संदेश देने की रणनीति अपनाई है. बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा था कि बिहार में माता सीता का भव्य मंदिर बनने जा रहा है, जो मिथिला इलाके के साथ-साथ पूरे बिहार के लिए गर्व की बात है.
माता सीता मंदिर के प्रोजेक्ट को अयोध्या के राम मंदिर निर्माण की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है. पुनौरा धाम को हिंदू धर्म में माता सीता के जन्मस्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है और यह स्थल सदियों से श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र रहा है. राम मंदिर निर्माण का श्रेय बीजेपी पहले से लेती रही है और अब माता सीता के मंदिर का क्रेडिट भी अपने नाम करने का दांव चला है.
माता सीता के दर पर राहुल-तेजस्वी
अमित शाह और नीतीश कुमार ने माता सीता के मंदिर की आधारशिला रखकर संदेश देने के साथ-साथ मिथिलांचल को साधने का दांव चला तो राहुल गांधी और तेजस्वी यादव भी माता सीता के दर पर दस्तक दिए. ‘वोट अधिकार यात्रा’ सीतामढ़ी पहुंची तो तेजस्वी और राहुल मां जानकी के मंदिर पहुँचे, जहाँ उन्होंने पूजा-अर्चना की. हालांकि, वो माँ सीता की जन्मस्थली पुनौरा धाम नहीं गए. सीतामढ़ी से पुनौरा धाम की दूरी मात्र 2 किलोमीटर है. ऐसे में सीतामढ़ी शहर में स्थित मां जानकी के मंदिर में दर्शन कर बीजेपी की हिंदुत्व की पॉलिटिक्स को काउंटर करने की रणनीति बनाई है.
वरिष्ठ पत्रकार कन्हैया भेलारी कहते हैं कि भारत धर्म प्रधान देश है. विपक्ष को अल्पसंख्यकों का वोट मिलेगा ही. धार्मिक स्थानों पर लोग जितना जा रहे हैं, उतना पहले नहीं जाते थे. यह दिखाता है कि अगर आपको हिंदुओं का वोट भी चाहिए, तो यह सब करना होगा. राहुल और तेजस्वी ने माता सीता के मंदिर में माथा टेक कर हिंदू समुदाय को संदेश दिया है, क्योंकि बीजेपी उन्हें हिंदू विरोधी और मुस्लिम परस्त बताने में जुटी है.
बिहार की जंग फतह करने का प्लान
बिहार में बीजेपी नीतीश कुमार को साथ रखते हुए भी हिंदुत्व के एजेंडे पर 2025 की सियासी बिसात बिछाने में जुटी है. हिंदुत्व की सियासी पिच पर बीजेपी को मात देना आसान नहीं होता है. इसीलिए बीजेपी हिंदुत्व के एजेंडे को धार देकर अपने कार्यकर्ता में जोश भरने और बहुसंख्यक वोटर्स को साधने का हर दांव चल रही है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पिछले दिनों हिंदू वोटों को एकजुट करने के लिए एक ‘सनातन यात्रा’ भी निकाली थी, लेकिन बाद में स्थगित करनी पड़ गई. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राम मंदिर की तर्ज पर माता सीता के मंदिर की आधारशिला रखकर बड़ा दांव चला है.
बीजेपी की पूरी रणनीति हिंदुत्व के जरिए जातियों में बिखरे हुए हिंदू वोटों को एकजुट करने की है, क्योंकि बिहार में जाति की राजनीति का बोलबाला रहा है. ऐसे में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के जरिए जमीन पर बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने में जुटे हुए हैं. इतना ही नहीं, राहुल-तेजस्वी अपनी यात्रा के जरिए सिर्फ चुनाव आयोग को कठघरे में ही नहीं खड़ा कर रहे हैं बल्कि उनके रूट में पड़ने वाले मंदिरों में माथा टेक कर बीजेपी के सियासी नैरेटिव को भी तोड़ने का दांव चल रहे हैं. इसी कड़ी में माता सीता के मंदिर जाकर दर्शन और पूजा-अर्चना कर सियासी संदेश देते नजर आए हैं.
बीजेपी और कांग्रेस में शह-मात का खेल
राहुल गांधी ने माता सीता के दर्शन के बाद सीतामढ़ी में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बीजेपी और चुनाव आयोग के ‘वोट चोरी’ और ‘संविधान बचाने’ को लेकर जनता के संग लड़ाई जारी रखेंगे. बीजेपी और चुनाव आयोग को अब वोट चोरी नहीं करने देंगे. राहुल ने कहा कि बाबा साहेब आंबेडकर ने हमें जो संविधान दिया है, वह एक पवित्र किताब है. इसमें हमारे देश की सोच और विचारधारा है. संविधान ने ही दलितों को सम्मान और स्वाभिमान से जीने का अधिकार दिया है, लेकिन बीजेपी के लोग ये अधिकार आपसे छीनना चाहते हैं. बिहार में 65 लाख वोट काटे गए हैं, उनमें दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और गरीबों के हैं, लेकिन हम आपके साथ खड़े हैं.
वहीं, बीजेपी नेता और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि सनातन को बदनाम करना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करना इनका धर्म है. देश के प्रधानमंत्री को गाली देना देश का अपमान है. राहुल गांधी अपने आप को राजकुमार समझते हैं, उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए. इसके अलावा उन्होंने राहुल-तेजस्वी के मंदिर जाने पर भी सवाल उठाया.