कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ रेप और फिर उसकी हत्या करने के मामले में बंगाल सहित देश के कई हिस्सों में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस मामले को लेकर ममता सरकार ना केवल विपक्ष के निशाने पर है, बल्कि टीएमसी के अंदर से भी उनके खिलाफ आवाज उठ रही है. बंगाल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने एक बार फिर इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है.
अधीर रंजन चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में ममता सरकार की तरफ से इस केस में पैरवी कर रहे प्रसिद्ध वकील कपिल सिब्बल से केस से खुद को अलग करने की गुजारिश की है. उन्होंने कहा कि कपिल सिब्बल एक बड़े वकील हैं, उनको इस केस से अपना नाम पीछे ले लेना चाहिए , ये मेरी गुजारिश है. सिब्बल जी को बंगाल की आम जनता के गुस्से को देखते हुए पीछे हट जाना चाहिए.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
मीडिया से बात करते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘कपिल सिब्बल एक मशहूर वकील है. हिंदुस्तान के कानून जगत में वो एक बड़ा सितारा भी हैं. मैं उनसे ये गुजारिश करूंगा कि आप केस से खुद को वापस कर लो या केस से अलग हो जाओ. मैं बंगाल के आम लोगों की भावनाओं, आम लोगों के गुस्से को देखते हुए हुए कह रहा हूं. अपराधियों की तरफदारी ना करें तो बेहतर है क्योंकि आप कभी लोकसभा के चुने हुए जनप्रतिनिधि थे. अभी भी राज्यसभा के मेंबर हैं.’
उन्होंने आगे कहा, ‘आम लोगों में आरजी कर अस्पताल की घटना के बाद जो क्रोध, जो क्रोश है वह ज्वालामुखी की तरह निकल रहा है उसे देखते हुए आपको (सिब्बल) सोचना चाहिए. बंगाल की मुख्यमंत्री डॉक्टर की मौत के बाद उनके परिवार से मिलीं और उनको लुभाने की कोशिश करते हुए कहा कि आपको 10 लाख मिल जाएंगे चुप हो जाओ. आपको (कपिल सिब्बल) भी तो कम राशि नहीं देंगे. ममता बनर्जी के पास बहुत पैसा है जो हमारे टैक्स का पैसा है.’
सोशल मीडिया का जिक्र करते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘सिब्बल साहब सोशल मीडिया पर अब जो देखने को मिल रहा है उसे देखकर बुरा लगता है. सोशल मीडिया पर आपके खिलाफ बुरा लिख रहे हैं, मुझे अच्छा नहीं लग रहा है. आप कभी हमारे पार्टी के नेता थे, मंत्री थे और मानव संसाधन मंत्री थे. छोटे-मोटे मंत्री तो नहीं थे आप. ये सारी चीज के मद्देनजर आपको इस केस से खुद को वापस लेना चाहिए, ये मेरी आपसे रिक्वेस्ट है.’