प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के तिआनजिन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की है. यह मुलाकात शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की समिट से पहले हुई है. इस दौरान पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच करीब एक घंटे तक द्विपक्षीय बैठक चली है. पीएम मोदी ने इस दौरान सीमा पर शांति, आपसी सहयोग और संबंधों की मजबूती पर जोर दिया.
भारत-चीन संबंधों की मजबूती पर जोर
पीएम मोदी ने जिनपिंग से मुलाकात के दौरान कहा कि गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आपका आभार जताता हूं. पिछले साल कजान में हमारी बहुत ही सार्थक चर्चा हुई थी. हमारे संबंधों को एक सकारात्मक दिशा मिली है, सीमा पर डिसइंगेजमेंट के बाद शांति और स्थिरता का माहौल बना हुआ है. उन्होंने कहा कि हमारे विशेष प्रतिनिधियों के बीच बॉर्डर मैनेजमेंट के संबंध में सहमति बनी है. कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू की गई है.
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू की जा रही हैं. हमारे सहयोग से दोनों देशों में 2.8 बिलियन लोग भी जुड़े हुए हुए हैं और इससे पूरी मानवता के कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त होगा. पीएम मोदी ने कहा कि परस्पर विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर हम अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि चीन की तरफ से SCO की सफल अध्यक्षता के लिए मैं आपको (जिनपिंग) बधाई देता हूं.
चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग से मुलाकात के दौरान भारत की तरफ से पीएम मोदी के साथ एनएसए अजीत डोभाल, विदेश सचिव विक्रम मिसरी, चीन में भारत के राजदूत प्रदीप रावत और जॉइंट सेक्रेटरी (ईस्ट एशिया) गौरांग लाल दास और PMO में एडिशनल सेक्रेटरी दीपक मित्तल मौजूद रहे.
‘आपसी सहयोग के लिए राजी’
इस मुलाकात में राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा कि पीएम मोदी से मिलकर खुशी हुई. उन्होंने आपसी संबंधों की मजबूती पर जोर देते हुए कहा कि कजान में पिछले साल हुई हमारी बैठक सफल रही और भारत-चीन का साथ आना जरूरी है. जिनपिंग ने कहा कि हम आपसी सहयोग के लिए पूरी तरह से राजी हैं.
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि दुनिया बदलाव की ओर बढ़ रही है. चीन और भारत दो सबसे सभ्य देश हैं. हम दुनिया के दो सबसे ज्यादा आबादी वाले देश हैं और ग्लोबल साउथ का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि दोस्त बनना, एक अच्छा पड़ोसी बनना और ड्रैगन और हाथी का एक साथ आना बहुत ज़रूरी है.
पुतिन से होगी पीएम मोदी की मुलाकात
चीनी राष्ट्रपति ने कहा, ‘इस साल चीन-भारत राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है. दोनों देशों को अपने संबंधों को रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से संभालने की जरूरत है. हमें बहुपक्षवाद, बहुध्रुवीय विश्व और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में लोकतंत्र को बनाए रखने की अपनी ऐतिहासिक ज़िम्मेदारियों को भी पूरा करना होगा. साथ ही एशिया और दुनिया भर में शांति और समृद्धि के लिए मिलकर काम करना होगा.’
पीएम मोदी अब SCO शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जिसमें 20 से ज्यादा देशों के नेताओं की मौजूदगी भी रहेगी. चीन दौरे पर गए पीएम मोदी की सोमवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भी मुलाकात होनी है. पीएम मोदी की यह मुलाकातें ऐसे वक्त में हो रही हैं जब भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर तनाव बढ़ा हुआ है, यहां तक कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपना प्रस्तावित दिल्ली दौरा भी रद्द कर दिया है.