उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के दुल्लहपुर थाना क्षेत्र के धर्मागतपुर गांव में रहने वाला एक शख्स साइबर ठगों का शिकार हो गया. पीड़ित का नाम बृजेश चौहान है. ठगों ने उनके विदेश में रह रहे भतीजे का नाम लेकर डराया और बड़ी रकम हड़पने की कोशिश की. इस मामले में बृजेश चौहान ने 50 हजार रुपए गवां दिए, लेकिन समय रहते उसे शक हो गया और उसने पुलिस से शिकायत कर दी,
मामला 24 अगस्त का है. बृजेश चौहान के मोबाइल पर एक कॉल आया. कॉल करने वाले ने खुद को सरकारी अधिकारी जैसा दिखाते हुए कहा कि उसके भाई का बेटा, जो विदेश में काम कर रहा है, उसका वीजा और पासपोर्ट किसी कारणवश जब्त कर लिया जाएगा. यदि वे उसे बचाना चाहता है, तो तत्काल 95 हजार रुपए देने होंगे.
कैसे साइबर ठगों ने पैसे उड़ाए?
अचानक इस तरह की सूचना पाकर बृजेश चौहान घबरा गया. ठग ने उसे बार-बार डराया और मानसिक दबाव बनाया. इसी बीच उसके मोबाइल पर आर अंकित सोलंकी नाम से एक स्कैनर भेजा गया और उसी पर पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा गया. डर और जल्दबाजी में बृजेश चौहान ने बिना ज्यादा सोचे-समझे गूगल पे के माध्यम से 50 हजार रुपए भेज दिए.
लेकिन यहीं पर मामला खत्म नहीं हुआ. ठग ने तुरंत दोबारा कॉल कर बाकी बचे 45 हजार रुपए भेजने का दबाव बनाना शुरू कर दिया. बार-बार फोन आने लगे, लेकिन खाते में पैसे न होने के कारण बृजेश चौहान रकम नहीं भेज पाए. इस बीच उसे शक हुआ कि कहीं यह ठगी का मामला तो नहीं है. उसने पैसे भेजना बंद कर दिया और दुल्लहपुर थाने में जाकर इसकी शिकायत दर्ज कराई.
पुलिस अपराधियों की तलाश में जुटी
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और ठगों द्वारा इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबर के आधार पर साइबर अपराध की धारा 66डी में मुकदमा दर्ज कर लिया है. पुलिस अब इस पूरे मामले की जांच कर रही है.गौरतलब है कि इस तरह की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. आए दिन लोग फोन कॉल, व्हाट्सएप लिंक या ऑनलाइन पेमेंट स्कैनर के जरिए ठगों का शिकार हो रहे हैं. पुलिस समय-समय पर लोगों को जागरूक रहने की अपील करती है. अधिकारियों का कहना है कि किसी भी संदिग्ध कॉल या लिंक पर भरोसा न करें और किसी भी परिस्थिति में जल्दबाजी में ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर न करें.