प्रतापगढ़ : यूपी के अफसर योगी आदित्यनाथ सरकार की छवि धूमिल करने में जुटे हैं.इसका उदाहरण प्रतापगढ़ में देखने को मिल रहा है.जिले छीटपुर गांव में पुल का निर्माण होने के बाद एप्रोच रोड बनान अफसर भूल गये.दो साल बाद भी आवागम शुरू नहीं हो सका है.ऐसा नहीं कि इस बात की जानकारी जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी को नहीं है, गांव के लोग इस समस्या का समाधान करने की मांग को लेकर उनसे कई बार मिल चुके हैं.
जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी आये दिन पुरानी अपूर्ण परियोजनाओं की स्थिति की समीक्षा करते रहते हैं, पर उन्होंने इस समस्या पर कभी ध्यान नहीं दिया.
कहां की है समस्या
यह पूरा मामला विधानसभा क्षेत्र रानीगंज का है.यहां नया माल गोदाम रोड से छीटपुर गांव के मध्य बरघाट गांव में पुल का निर्माण हो चुका है.यह पुल नाबार्ड योजना अंतर्गत 2016-17 वित्तीय वर्ष में 10 करोड़ 5 लाख 85 हजार की लागत से स्वीकृत हुआ था.इसकी लंबाई 133 मीटर है 400 मीटर पहुंच मार्ग बनना है.
डिप्टी सीएम ने किया था शिलान्यास
इस पुल का शिलान्यास डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने 30 जून 2020 को किया था.दिसंबर 2023 में पुल बन तैयार हो गया.एप्रोच मार्ग न बनने से यह अनुपयोगी साबित हो रहा है.इस पुल से बरघाट, सिधारी पट्टी, प्रेमधर पट्टी, दुबे पट्टी, पूरे दुर्वन, छीटपुर, दिलीपपुर, देवलहा समेत दर्जनों गांव के लोगों का जिला मुख्यालय प्रतापगढ़ पर आवागमन होता हैं.लोगों को आने के लिए शिवशत घाट का उपयोग करना पड़ता है जिसके लिए लगभग 5 से 10 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है.
ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
ग्रामीणों ने रविवार 31 अगस्त को आशुतोष पांडेय के नेतृत्व में इकट्ठा होकर धरना प्रदर्शन किया.लोगों ने जिला प्रशासन व शासन के खिलाफ नारेबाजी की.लोगों ने कहा कि यदि शासन प्रशासन इस पर ध्यान नहीं देता तो हम लोग जिला अधिकारी के कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करेंगे.
इस अवसर पर वीरेंद्र पाण्डेय, राकेश पाण्डेय, कृष्ण कुमार मिश्रा, सुरेश कुमार मिश्रा, विजय शंकर मिश्रा, सुरेश मिश्रा, विजय शंकर तिवारी, रामनाथ पाल, मजनू गौतम, रामधन गौतम, मुन्ना यादव, आदित्य मिश्रा, सुधांशु मिश्रा सहित सैकड़ो लोग मौजूद रहे.