दिल्ली के बाद अब मथुरा में भी यमुना उफान पर हैं. यहां के तटीय इलाके बाढ़ की जद में आने लगे हैं. लगातार बढ़ रहे जलस्तर से यमुना के तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों के घरों में पानी भरने लगा है. मथुरा के जयसिंहपुरा इलाके में लोगों के घरों में पानी प्रवेश कर गया है. साथ ही लोगों के घरों को जाने वाली सड़कों पर भी बाढ़ का पानी पहुंच गया है.
जयसिंहपुरा इलाके में यमुना का पानी आ जाने से स्थानीय लोग ट्यूब पर बैठकर पानी से निकल रहे हैं. बढ़ते जलस्तर और बाढ़ के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट पर है. बाढ़ के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने भी लोगों से सतर्क रहने की अपील की है. मथुरा हो या वृंदावन यमुना के कछार के रिहायशी इलाकों में पानी घुसने से बुरा हाल है.
घाटों पर स्नान से रोक
वृंदावन, मथुरा और गोकुल तक यमुना के सभी घाट पानी में डूबे हुए हैं. जिला प्रशासन ने मथुरा वृंदावन समेंत सभी घाटों पर स्नान करने पर रोक लगा दी है, क्योंकि अधिकांश घाटों की सीढ़ियां डूब चुकी हैं. यमुना जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण निचले इलाके के लोग पलायन को मजबूर हो रहे हैं. कुछ ऐसी तस्वीरें भी यहां से सामने आई हैं जहां लोग पानी से भरी सड़कों पर ट्यूब को नाव बनाकर उसमें सवार दिखे. कुछ लोग ट्यूब के सहारे ही पलायन भी कर रहे हैं.
कई इलाके बाढ की चपेट में
प्रशासन ने नोहझील-शेरगढ़ मार्ग पर कटान और बहाव के देखते हुए एहतियातन मार्ग को बंद कर दिया है. वृंदावन खादर, सौभरि वन क्षेत्र से लेकर केशीघाट, पानीघाट की कॉलोनियों में पानी एक बार फिर बाढ़ का पानी घुसना शुरू हो गया है. शहर के कई इलाकों को बाढ़ के पानी में पूरी तरह से घेर लिया है. यमुना की चपेट में आने से कई इलाकों में किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई है.
प्रशासन अलर्ट पर
जिला प्रशासन भी यमुना के बढ़ते जलस्तर को लेकर पूरी तरह सतर्क है. प्रशासन ने चेतावनी दी है कि कोई भी व्यक्ति यमुना किनारे न जाए. साथ ही वे तटीय इलाके जो बाढ़ की चपेट में आने लगे हैं प्रशासन ने वहां के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है.