प्रतापपुर में खाद संकट! सोसायटी खाली, बाजार में लूट – अन्नदाता बेबस

 

सूरजपुर : प्रतापपुर ब्लॉक इन दिनों अन्नदाताओं की पीड़ा का गवाह बना हुआ है. खेत बोने का वक्त है लेकिन किसान हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं. सोसायटी में खाद नहीं, बाजार में कालाबाजारी का बोलबाला… और जिम्मेदार विभाग खामोश
किसानों का कहना है कि सरकारी गोदाम खाली पड़े हैं, जबकि निजी व्यापारी पांच गुना तक दाम वसूल रहे हैं.सवाल उठ रहा है कि आखिर बिना संरक्षण के यह खेल कैसे चल रहा है.

खेतों में इंतजार, बाजार में लूट का खेल

प्रदेश किसान विकास महासंघ के प्रांताध्यक्ष विद्या सागर सिंह ने साफ कहा – प्रतापपुर क्षेत्र की सभी सोसायटियां खाली हैं.किसान सोसायटी के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ मायूसी मिल रही है.वहीं दुकानदार खुलेआम कालाबाजारी कर रहे हैं.कृषि विभाग आंख बंद कर तमाशा देख रहा है.

नेताओं ने साधा प्रशासन पर निशाना

इस मुद्दे पर वरिष्ठ नेता नवीन जायसवाल, त्रिभुवन सिंह, ज्वाला सिंह, छतरू राम, रामचंद्र पोया, मंगल सिंह, बृजलाल विश्वकर्मा, मानेश्वर राजवाड़े, मयंक जायसवाल, भैया लाल पैकरा, शिवकुमार जायसवाल, सुमेर सिंह और श्याम लाल ने संयुक्त बयान दिया.

किसानों की जेब पर डाका डाला जा रहा है.सोसायटी में खाद नहीं और विभाग चुप्पी साधे बैठा है.अगर हालात नहीं सुधरे तो प्रतापपुर की धरती पर बड़ा आंदोलन खड़ा होगा.

सवालों के घेरे में विभाग

क्या विभाग को सचमुच खाद संकट की खबर नहीं?
या फिर मिलीभगत से हो रहा है खेल?
आखिर क्यों अब तक एक भी व्यापारी पर कार्रवाई नहीं हुई?

किसानों की चेतावनी – आंदोलन तय

प्रदेश किसान विकास महासंघ ने अमर स्तंभ से चर्चा के दौरान चेतावनी दी है कि यदि तत्काल शासकीय दर पर खाद उपलब्ध नहीं कराया गया, तो जिले भर में उग्र आंदोलन होगा.
किसानों के सब्र का बांध टूट चुका है.सरकार और विभाग अब भी चुप रहे तो सड़कों पर हज़ारों किसान उतरेंगे.

प्रतापपुर की धरती पर खाद संकट अब सिर्फ “समस्या” नहीं, बल्कि “साज़िश” की तरह दिख रहा है.सवाल यही है कि प्रशासन जागेगा या किसान आंदोलन की चिंगारी इस बार सत्ता-व्यवस्था को झुलसाकर रख देगी?

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