अगस्त महीने में सरकार के खजाने में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) से भारी भरकम रकम आई है। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त 2025 में जीएसटी कलेक्शन ₹1.86 लाख करोड़ तक पहुंच गया, जो अब तक के सबसे बड़े आंकड़ों में से एक है।
यह कलेक्शन पिछले साल के मुकाबले काफी ज्यादा है और सरकार के लिए राहत की खबर मानी जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, जीएसटी राजस्व में यह बढ़ोतरी बेहतर टैक्स अनुपालन, डिजिटल निगरानी और आर्थिक गतिविधियों में लगातार सुधार का नतीजा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अर्थव्यवस्था में मांग और खपत बढ़ने के साथ-साथ बिजनेस गतिविधियों में तेजी आई है, जिससे अप्रत्यक्ष कर वसूली में उछाल देखा गया। साथ ही सरकार की ओर से ई-इनवॉइसिंग और फर्जी बिलिंग पर कड़ी निगरानी से भी जीएसटी संग्रह में मजबूती आई है।
कर संग्रह का यह आंकड़ा केंद्र और राज्यों दोनों के लिए राहत लेकर आया है। जीएसटी से मिलने वाली राशि का एक बड़ा हिस्सा राज्यों को भी जाता है, जिससे उनके विकास और कल्याणकारी योजनाओं को सहारा मिलता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि लगातार मजबूत हो रहा जीएसटी कलेक्शन सरकार को वित्तीय घाटा कम करने और बुनियादी ढांचे पर ज्यादा खर्च करने की क्षमता देगा।
अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि अगर यही रफ्तार जारी रही तो चालू वित्त वर्ष में जीएसटी संग्रह अनुमानित लक्ष्यों से आगे निकल सकता है। यह संकेत है कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत राह पर है और आने वाले महीनों में खपत और उत्पादन में और वृद्धि हो सकती है।
अगस्त का यह कलेक्शन सरकार की वित्तीय स्थिति के लिए उत्साहजनक माना जा रहा है। इससे जहां विकास योजनाओं को गति मिलेगी, वहीं निवेशकों और बाजार के भरोसे को भी मजबूती मिलेगी।