मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन में छत्तीसगढ़ राज्य में छात्र-छात्राओं को कौशल विकास प्रशिक्षण के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सार्थक पहल किया जा रहा है। इसी तारतम्य में जिले में नवगुरुकुल शिक्षण संस्थान संचालित है जहां से उत्तीर्ण छात्राओं तथा स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम से जुड़ने की इच्छुक युवतियों को बिजनेस एवं टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण प्रदान कर जीवन में आगे बढ़ने और आत्मनिर्भर बनने हेतु तैयारी कराई जा रही है। संस्थान में अध्ययनरत छात्राओं को हॉस्टल, भोजन एवं लैपटॉप जैसी आवश्यक सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियाँ भी आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो सकें।
जिले के बेटियां नवगुरुकुल शिक्षण संस्थान में स्किल डेवलपमेंट प्रोग्रामिंग सीखने के बाद आगे बढ़ रहे हैं। पूजा, फिलमीना, आरती और सयना ने बताया कि नवगुरूकुल संस्थान से उनके जीवन में एक टर्निंग पॉइंट आया है। इस संस्थान से उन्होंने बहुत कुछ सीखा हैं।
पूजा, फिलमीना, आरती और सयना की जुबानी अपनी कहानी
मैं पूजा यादव हूँ, और मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से आती हूँ। नवगुरूकुल कैंपस से अपनी पढ़ाई शुरू करने के बाद, आज मैं नवगुरूकुल दंतेवाड़ा कैंपस में टीम मेंबर के तौर पर काम कर रही हूँ। नवगुरूकुल में मुझे स्कूल ऑफ ग्राफिक्स डिजाईन और स्कूल ऑफ बिजनेश के जरिए बहुत कुछ सीखने को मिला। यहाँ मैंने ग्राफिक डिजाइन स्किल्स जैसे लोगो, सोशल मीडिया पोस्ट, प्रिंट डिजाइन आदि सीखा और बिज़नेस कोर्स में गूगल शीट, सीआरएम सेल्सफोरर्स और बेसिक डिजिटल मार्केटिंग स्किल्स सीखी। नवगुरूकुल ने मुझे सही गाइडेंस, लर्निंग एनवायरनमेंट और सपोर्ट दिया। इसी वजह से मैंने प्रोफेशनल स्किल्स के साथ-साथ लीडरशिप और कई सॉफ्ट स्किल्स भी सीखी। नवगुरूकुल मेरी लाइफ में एक टर्निंग पॉइंट रहा है, जिसकी वजह से मैंने बहुत कुछ सीखा और आगे बढ़ने का हौसला मिला।
मेरा नाम फिलमीना मांझी है और मैं छत्तीसगढ़ के जशपुर ज़िले के पत्थलगांव ब्लॉक के सुखरापारा गाँव से हूँ। नवगुरुकुल से जुड़ने से पहले, मैंने अपनी 12वीं कक्षा की पढ़ाई हायर सेकेंडरी स्कूल, सुरेशपुर से पूरी की। नवगुरुकुल में आने के बाद, मुझे यहाँ की एसओपी कक्षाओं में हिस्सा लेने का अवसर मिला, जहाँ मैंने एचटीएमएल, सीएसएस, जावा स्क्रीप्ट जैसे महत्वपूर्ण तकनीकी स्किल्स में निपुणता हासिल की। यहाँ की सीख की वजह से मेरा आत्मविश्वास बढ़ा और मैंने खुद को एक बेहतर दिशा में विकसित किया। मुझे गर्व है कि नवगुरुकुल के मार्गदर्शन और सहयोग की वजह से मुझे नवगुरुकुल में ही अकादमिक एसोसिएट के रूप में 15 हजार की स्टाइपेंड पर इंटर्नशिप प्राप्त हुई। नवगुरुकुल मेरे करियर के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ है। यहाँ मुझे न केवल तकनीकी ज्ञान मिला, बल्कि संचार कौशल, टीमवर्क और समस्या-समाधान की क्षमता भी विकसित करने का अवसर मिला।
मैं हृदय से नवगुरुकुल का आभार व्यक्त करती हूँ कि इसने मुझे सीखने, आगे बढ़ने और स्वयं को साबित करने का मंच प्रदान किया। मेरा लक्ष्य है कि मैं अपनी सीख को और आगे बढ़ाते हुए टेक्नोलॉजी क्षेत्र में एक सफल करियर बनाऊँ।
मैं आरती भगत जशपुर नगर से हूँ। नवरगुरुकुल में जुड़ने से पहले मैंने कक्षा 12वीं की अंतिम परीक्षा दी थी और जुड़ने के बाद यह जानकर बहुत खुशी हुई कि मैंने उसे सफलतापूर्वक उत्तीर्ण किया। नवरगुरुकुल में जब मैं पूरी तरह सीखने के चरण में थी और शैक्षणिक प्रगति कर रही थी, तभी मेरे जीवन में एक नया चुनौतीपूर्ण अवसर आया मैंने जेईई की परीक्षा दी, जिसे मैंने जेईई मेंस पास कर लिया, साथ ही जेईई एडवांस भी इसके बाद मैं पूरी तरह किसी विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने की तैयारी कर चुकी थी, जो काउंसलिंग के बाद संभव होना था, लेकिन दुर्भाग्यवश यह अपेक्षा पूरी नहीं हो सकी। यह मेरे लिए एक बहुत ही निराशाजनक क्षण था, लेकिन इसके बावजूद मैंने नवरगुरुकुल की अपनी यात्रा जारी रखी। यहाँ मुझे व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों रूप से सहयोग मिला। नवरगुरुकुल में मैंने तकनीकी कौशल विकसित किए जैसे एचटीएमएल, सीएसएस, जावा स्क्रीप्ट, रियाक्ट, मंगोबीडी, नोडेडॉट जेएस और एक्सप्रेसडॉट जेएस। इसके साथ ही मैंने अपने सॉफ्ट स्किल्स में भी सुधार किया, जिनमें लीडरशिप, विवाद समाधान, संवाद कौशल, आत्मविश्वास बढ़ाना और बहुत कुछ शामिल है। मैं नवरगुरुकुल की आभारी हूँ, जिसने मुझे यह अवसर दिया कि मैं सीख सकूँ, खोज कर सकूँ और आगे बढ़ सकूँ। साथ ही, मैं पूरे जशपुर टीम का दिल से धन्यवाद करती हूँ, जिन्होंने हमेशा मेरा मार्गदर्शन किया और हर कदम पर सहयोग दिया।
मैं सयना सिंह, कुनकुरी से हूँ। मैंने 12वीं पास करने के बाद 8 जून 2024 को नवगुरुकुल जॉइन किया था। शुरुआत में मैं स्कूल ऑफ प्रोग्रामिंग में थी और वहाँ मैंने 7 महीने बिताए। उसके बाद मैंने स्कूल ऑफ बिजनेश में स्विच किया और यहाँ लगभग 5 महीने का सफर तय किया है। नवगुरुकुल ने मुझे बहुत सारी चीज़ें सिखाई है। व्यक्तिगत रूप से भी और पेशेवर रूप से भी। यह मेरे लिए अपनी क्षमताओं को निखारने और आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण जरिया रहा है। इसके बाद मेरी लॉइफ स्कील ऐसोशियट के रूप में जॉब लग गई, जो मेरे लिए एक नया और महत्वपूर्ण अवसर है। मैं नवगुरुकुल की पूरी टीम के प्रति आभार व्यक्त करती हूँ, जिन्होंने मुझे बेहतर मार्गदर्शन और सहयोग दिया।