फाइनेंस बैंक में घुसे फिर 14 किलो सोने के गहने उड़ाए… पुलिस ने दास गैंग के सरगना को पकड़ा

मध्य प्रदेश के जबलपुर के सिहोरा में ESAF फाइनेंस बैंक में हुई 15 करोड़ की 14 किलो 800 ग्राम सोने डकैती के मामले में डकैती के मास्टरमाइंड और कुख्यात अंतर्राज्यीय डकैत गिरोह दास गैंग के सरगना राजेश दास को जबलपुर पुलिस ने बिहार एसटीएफ की मदद से बिहार के गया से गिरफ्तार किया है. क्राइम ब्रांच ने इस पूरे मामले में चार आरोपियों को पहले गिरफ्तार किया था. जबलपुर क्राइम ब्रांच की टीम कड़ी सुरक्षा के बीच आरोपियों को बिहार से जबलपुर लेकर पहुंची है. जहां आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जा रहा है. यह दोनों आरोपी दुर्दांत अपराधी हैं जिन पर बिहार झारखंड समेत कई प्रदेशों में कई मामले दर्ज हैं. इनमें बैंक डकैती से लेकर कई बड़ी घटनाएं शामिल हैं.

जबलपुर पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय ने जानकारी देते हुए बताया कि 11 अगस्त 2025 को थाना खितौला क्षेत्र अंतर्गत ईसाफ स्मॉल फाइनेंस बैंक में हेलमेट पहनकर हथियारों से लैस 5 अज्ञात बदमाशों ने धावा बोलकर करीब 14 किलो 800 ग्राम सोने के आभूषण और 5 लाख रुपये नकद लूट लिए थे. घटना की गंभीरता को देखते हुए जबलपुर ज़ोन के पुलिस महानिरीक्षक प्रमोद वर्मा स्वयं मौके पर पहुंचे और जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया. साथ ही आरोपियों की गिरफ्तारी पर 30 हजार का इनाम घोषित किया गया.

एसआईटी के द्वारा जब पूरे मामले की जांच शुरू की गई तो पता चला की जबलपुर के पाटन का रहने बाला रईस लोधी इस पूरी घटना का मास्टरमाइंड है जिसने बिहार के दो डकैतों सहित अन्य साथियों सोनू वर्मन, हेमराज सिंह और विकास चक्रवर्ती के साथ मिलकर पूरी डकैती की योजना बनाई थी. जिसमें पुलिस ने सोनू वर्मन, हेमराज सिंह और विकास चक्रवर्ती, रईस लोधी को गिरफ्तार किया था. रईस ने पुलिस को बताया कि पूरी योजना छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जेल में रहते हुए बनाई थी.

18 जून को राजेश दास जेल से रिहा हुआ था इसके बाद उसने बिहार और झारखंड के कुख्यात डकैतों से संपर्क कर उन्हें इस वारदात में शामिल किया और स्थानीय स्तर पर भी अपने कुछ विश्वासपात्रों को इसमें जोड़ा. इन सभी ने मिलकर डकैती की योजना बनाई थी. इसके बाद डकैतों ने बैंक की सुरक्षा व्यवस्था, कर्मचारियों की दिनचर्या और आसपास की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखी. रईस और उसके साथी न सिर्फ अपराध में माहिर थे, बल्कि उन्होंने तकनीकी रूप से भी खुद को मजबूत किया. घटना के बाद सभी फरार आरोपियों ने अपने मोबाइल फोन बंद कर दिए ताकि उनकी लोकेशन ट्रेस न हो सके.

स्थानीय लोगों को भी प्लान में शामिल किया

स्थानीय स्तर पर संदिग्ध रईस लोधी से पूछताछ के बाद मामले की कड़ियां जुड़ने लगीं. पूछताछ में सामने आए सुराग के आधार पर पुलिस की विशेष टीमें बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और राजस्थान रवाना की गईं. जांच में बड़ी कामयाबी तब मिली जब पुलिस को आरोपी इंद्रजीत दास गया जिले के गुरुआ थाना क्षेत्र में मिला. सख्ती से पूछताछ करने पर उसने खुलासा किया कि गैंग का सरगना राजेश रवि दास, गया जिले के डोभी थाना क्षेत्र में छिपा हुआ है.

तत्काल कार्रवाई करते हुए जबलपुर पुलिस की टीम ने डोभी क्षेत्र में घेराबंदी कर राजेश दास को गिरफ्तार किया. प्रारंभिक पूछताछ में उसने डकैती की साजिश रचने और लूट में शामिल होने की बात स्वीकार की. उसने बताया कि लूटे गए माल को पांचों बदमाशों ने आपस में बांट लिया था. उसके हिस्से में लगभग 3 किलो सोना और 50 हजार नगद आए थे.

12 गंभीर मामले दर्ज

आरोपी राजेश दास ने पुलिस को यह भी बताया कि 18 जून 2025 को जेल से रिहा हुआ था और 11 अगस्त को ही डकैती की घटना को अंजाम दिया. साल 2011 से अब तक कई राज्यों की बैंक डकैतियों में शामिल रहा है. उसने अपने हिस्से का सोना खेत में छुपा दिया था. उसकी निशानदेही पर खेत से सोने के जेवरात बरामद कर लिए गए. आरोपी राजेश दास वर्ष 2011 से लगातार गया, सासाराम, जमुई बिहार, पुरुलिया पश्चिम बंगाल, रायगढ़ छत्तीसगढ़ जैसे विभिन्न शहरों में बैंक डकैतियों में शामिल रहा है जिसके खिलाफ 12 गंभीर मामले दर्ज है.

Advertisements
Advertisement