पंजाब के सनौर विधायक हरमीत सिंह पठानमाजरा पुलिस हिरासत से फरार हो गए. गिरफ्तारी के बाद लोकल थाने ले जाते समय पठानमाजरा और उसके साथियों ने पुलिस पर गोलीबारी की, जिसमें एक पुलिसकर्मी घायल हो गया. पुलिसकर्मी पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश कर विधायक स्कॉर्पियो और फॉर्च्यूनर में भागे. पुलिस ने फॉर्च्यूनर को पकड़ लिया, लेकिन पठानमाजरा स्कॉर्पियो में फरार है. पुलिस टीम पीछा कर रही है. दरअसल, पठानमाजरा की पूर्व पत्नी की शिकायत पर दर्ज हुए रेप केस के पुराने मामले में यह कार्रवाई की जा रही है. पटियाला के सिविल लाइंस थाने में यह एफआईआर दर्ज है.
पंजाब पुलिस ने विधायक हरमीत को हरियाणा के कुरुक्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया था. इसी बीच, स्थानीय थाने ले जाते समय विधायक पठानमाजरा और उनके साथियों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी. इस घटना में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया.
उधर, विधायक ने एक पुलिसकर्मी पर अपनी कार चढ़ाकर फरार हो गए. विधायक और उनके साथी एक स्कॉर्पियो और एक फॉर्च्यूनर लेकर फरार हो गए. पुलिस ने फॉर्च्यूनर कार जब्त कर ली है. विधायक एक स्कॉर्पियो में फरार हैं.
दिल्ली की AAP टीम पंजाब पर कर रही राज: हरमीत
पठानमाजरा ने फेसबुक वीडियो में कहा कि दिल्ली AAP टीम पंजाब पर राज कर रही है और उनकी आवाज दबा रही है.
पठानमाजरा ने हाल ही में सरकार की बाढ़ राहत पर आलोचना की थी, जिसके बाद उनकी सुरक्षा हटा ली गई. पुलिस ने कहा कि फरारी का मामला दर्ज कर तलाश तेज कर दी गई है.
विधायक के वकीले बोले- यह राजनेताओं और नौकरशाही के बीच रस्साकशी
गिरफ्तारी पर विधायक हरमीत सिंह के वकील सिमरनजीत सिंह सग्गू ने कहा, हरमीत सिंह के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई है. मामला हाईकोर्ट में लंबित था. हाईकोर्ट ने इसे निपटा दिया और डीआईजी रोपड़ रेंज को जांच के लिए नियुक्त किया. लेकिन यह एफआईआर पिछले दो दिनों में बाढ़ के कारण बदले राजनीतिक परिदृश्य का नतीजा है. यह कानून के खिलाफ, तथ्यों के खिलाफ और राजनेताओं और नौकरशाही के बीच पूरी तरह से रस्साकशी है. बलात्कार की धारा और धारा 420 लगाई गई है.
वकील सग्गू के मुताबिक, शिकायतकर्ता ने एसएसपी मोहाली के समक्ष आवेदन दायर किया था और हाईकोर्ट में एक रिट दायर की थी. एसएसपी मोहाली ने हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट के माध्यम से सभी आरोपों को पेश किया. शिकायतकर्ता ने खुद स्वीकार किया कि वह हरमीत सिंह के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में थी और अगर रिश्ते सुधरते हैं तो वह इसे जारी रखने के लिए तैयार है. अगर स्थिति ऐसी है, तो भी धारा 376 और 420 लगाई जा रही है. इससे सिस्टम की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा होता है.