बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए. बैठक में कुल 48 एजेंडों को मंजूरी दी गई, जिनमें युवाओं, महिलाओं और विभिन्न तबकों के हितों को ध्यान में रखा गया है.
सबसे बड़ा फैसला ग्राम कचहरी सचिवों के मानदेय में बढ़ोतरी का रहा. अब उन्हें पहले की तरह 6000 रुपये की जगह 9000 रुपये प्रति महीने मानदेय मिलेगा. सरकार का कहना है कि इस कदम से गांव स्तर पर न्यायिक और प्रशासनिक कार्य और मजबूत होंगे.
बैठक में राज्य के सात जिलों – किशनगंज, कटिहार, रोहतास, शिवहर, लखीसराय, अरवल और शेखपुरा में नए मेडिकल कॉलेज खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. रोजगार के क्षेत्र में भी कैबिनेट ने अहम कदम उठाते हुए अनुसूचित जाति एवं जनजाति आवासीय विद्यालयों में 1800 पदों और कला संस्कृति विभाग में 25 पदों के सृजन को हरी झंडी दी. इसके अलावा उच्च न्यायालय और पुलिस विभाग में भी कई नए पदों की मंजूरी दी गई.
शिक्षा और छात्र कल्याण से जुड़े एजेंडों में पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की छात्रवृत्ति योजना के लिए 241 करोड़ रुपये रुपये स्वीकृत किए गए. वहीं, राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में इंटर्नशिप कर रहे छात्रों की छात्रवृत्ति में भी बढ़ोतरी की गई. इसके साथ ही पंचायती राज विभाग के तकनीकी सहायक और लेखपाल सह आईटी सहायकों का मानदेय 1 जुलाई 2025 से बढ़ाने का निर्णय लिया गया.
सुरक्षा के क्षेत्र में भी कैबिनेट ने महत्वपूर्ण फैसला करते हुए आतंकवादी निरोधक दस्ते के जवानों को 30 प्रतिशत प्रतिमाह जोखिम भत्ता देने की मंजूरी दी. पथ निर्माण विभाग और भवन निर्माण विभाग से जुड़े कई प्रस्ताव भी पास किए गए. खेल के क्षेत्र में भी बड़ी पहल की गई, जिसके तहत राजगीर में निर्माणाधीन क्रिकेट स्टेडियम को बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को रखरखाव के लिए सौंपने पर सैद्धांतिक मंजूरी दी गई. इसके अलावा, जन्म-मृत्यु पंजीकरण अधिनियम के तहत नई नियमावली 2025, बिहार राजस्व कर्मचारी नियमावली 2025 और उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति नियमावली को भी मंजूरी दी गई.