बिलासपुर रेलवे कोचिंग डिपो में ओएचई तार से करंट लगने से ठेका मजदूर की मौत हो गई। पिछले 4 दिन से उसका शव मॉर्च्युरी के फ्रीजर में रखा हुआ है। करंट से झुलसने और पीएम के बाद लाश सड़ने की आशंका जताई जा रही है।
दूसरी तरफ परिजन और समाज 1 करोड़ रुपए मुआवजा और नौकरी की मांग पर अड़े हैं। डीआरएम ऑफिस के बाहर उनका धरना-प्रदर्शन पिछले 6 दिनों से जारी है। वहीं, आज मंगलवार को हाईकोर्ट में इस केस की सुनवाई होगी। ऐसे में पीड़ित परिजन अब न्याय के लिए हाईकोर्ट पर आस लगाए बैठे हैं।
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल, 23 अगस्त को रेलवे के कोचिंग डिपो में वंदे भारत के एक्स्ट्रा कोच के एसी की सफाई और मरम्मत की जा रही थी। इसी दौरान जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़ निवासी ठेका श्रमिक प्रताप बर्मन ओएचई तार की करंट की चपेट में आ गया। जिससे वो बुरी तरह झुलस गया। इस हादसे के बाद उसे अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया।
लेकिन, इस दौरान ठेकेदार और रेलवे प्रशासन ने मजदूर के इलाज में कोई मदद नहीं की, जिससे गुस्साए परिजन 26 अगस्त से डीआरएम ऑफिस का घेराव कर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस बीच 28 अगस्त को मजदूर की इलाज के दौरान मौत हो गई।
रेलवे प्रशासन ने मुआवजा देने से किया इनकार
इस हादसे में रेलवे प्रशासन ने पहले इलाज में मदद करने से मना कर दिया। फिर मजदूर की मौत के बाद मुआवजा देने से इनकार कर दिया। जिसके चलते परिजन का आक्रोश भड़क गया। हालांकि, जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद शासन और रेल प्रशासन ने 21 लाख 50 हजार रुपए देने का प्रस्ताव रखा। लेकिन, परिजन ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
एक करोड़ मुआवजा और नौकरी की मांग पर अड़ी पत्नी
दूसरी तरफ मृतक प्रताप बर्मन की पत्नी खुशबू बर्मन और परिजन एक करोड़ रुपए मुआवजा, पत्नी को सरकारी नौकरी देने के साथ ही बच्चे की पढ़ाई का खर्च देने की मांग पर अड़ गए। यही वजह है कि डीआरएम दफ्तर के बाहर उनका धरना-प्रदर्शन जारी है। दिन-रात परिजन धरना स्थल पर डटे हैं।
मॉर्च्युरी में शव खराब होने की आशंका
वहीं, पिछले 4 दिन से मजदूर प्रताप का शव अस्पताल के मॉर्च्युरी में फ्रीजर में रखा है। करंट से झुलसने और पीएम के बाद फ्रीजर में ज्यादा दिनों तक शव को सुरक्षित रखना संभव नहीं है। चिकित्सकों का कहना है कि झुलसने और पीएम के बाद शव डैमेज हो गया था। ऐसे में लाश सड़ने की आशंका है।
जनहित याचिका पर आज होगी सुनवाई
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने इस हादसे के बाद मीडिया रिपोर्ट्स पर स्वत: संज्ञान लिया था, जिसके बाद जनहित याचिका की सुनवाई चल रही है। नाराज चीफ जस्टिस ने रेलवे के रवैए पर कड़ी नाराजगी जाहिर की थी। साथ ही तीन दिन के भीतर रेलवे के जीएम को शपथपत्र के साथ जवाब मांगा था।
अब इस मामले की सुनवाई मंगलवार को होगी। जिसमें रेलवे के जीएम अपना जवाब देंगे। वहीं, मृतक के परिजन को हाईकोर्ट से न्याय मिलने की उम्मीद है।