लखीमपुर खीरी: शारदा का जलस्तर बढ़ा, निघासन के दो दर्जन गांव जलमग्न

लखीमपुर खीरी : निघासन क्षेत्र में तराई इलाके में शारदा नदी का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. निघासन इलाके के करीब दो दर्जन गांव पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं. हालात यह हैं कि ग्रामीण अपने घर-आंगन छोड़कर टापू जैसे ऊंचे स्थानों और बांधों पर शरण लेने को मजबूर हैं.

 

लालबोझी, मदनापुर, दौलतापुर, सुरजीपुरवा, पुरैना, छैदुई पतिया, लुधौरी, रानीगंज, झउव्वापुरवा, बैलहा, जीतपुरवा, सेमरापुरवा, बरोठा, झंडी, भजनपुरवा, रोलीपुरवा, तमोलीनपुरवा और लालपुर पंचायत समेत कई गांवों में पानी भर चुका है. ग्रंट नंबर 12 में हालात सबसे गंभीर हैं. यहां अब तक 24 मकान और दो शिव मंदिर शारदा की लहरों में समा चुके हैं.

 

मंगलवार को सुनीता पत्नी वरदान का पक्का मकान भी नदी में समा गया. उन्होंने बताया कि कटान की रफ्तार को देखते हुए दो हफ्ते पहले ही घर खाली कर दिया था, लेकिन मंगलवार को मवेशी भी बह गए. ग्रामीणों का कहना है कि कई घरों का अनाज, कपड़े और घरेलू सामान पहले ही नदी में बह चुका है. हालात यह हैं कि कुछ घरों में चूल्हा तक नहीं जल पा रहा.

 

कागजों पर संचालित हो रहीं 12 बाढ़ चौकियां

प्रशासन ने दावा किया है कि तराई क्षेत्र में 12 बाढ़ चौकियां बनाई गईं हैं, लेकिन हकीकत यह है कि अधिकांश चौकियां कागजों तक ही सीमित हैं. ग्रामीणों का कहना है कि राहत सामग्री और शिकायत निस्तारण की व्यवस्था ढूंढने पर भी नहीं मिल रही. आरोप है कि प्रशासन सबकुछ जानते हुए भी शारदा के कटान से गांवों को बचाने की कोई ठोस पहल नहीं कर रहा.

 

नाव से तहसील मुख्यालय पहुंच रहे ग्रामीण लुधौरी पंचायत के पुरैना गांव में पानी बढ़ने से लोगों ने नाव का सहारा लेना शुरू कर दिया है. बाजार से सामान लाना हो या तहसील मुख्यालय जाना हो, अब सबकुछ नाव से ही हो रहा है. लेखपाल अभिषेक श्रीवास्तव ने मौके पर पहुंचकर नाव की व्यवस्था कराई, इससे ग्रामीणों को थोड़ी राहत मिली है.

 

तहसीलदार मुकेश वर्मा ने बताया कि राजस्व टीम हालात पर नजर बनाए हुए है, मंगलवार को राजस्व टीम को लगाकर लालबोझी में 200 और ग्रंट नंबर 12 में 500 लंच पैकेट वितरित किए गए हैं.

 

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