मध्यप्रदेश के खंडवा में छत्तीसगढ़ पुलिस के एक कॉन्स्टेबल के साथ लूट की वारदात हो गई। पारदी गैंग ने कॉन्स्टेबल और उसके भाई समेत एक अन्य को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा और साढ़े 17 लाख रुपए से भरा बैग अपने कब्जे में ले लिया। बैग में नकद रुपए, एटीएम कार्ड और अन्य सामान था।
लूट के पीछे की कहानी सोना खरीदी से जुड़ी है। रविवार सुबह हुई इस घटना के दो दिन बाद मंगलवार अलसुबह पुलिस ने दो लुटेरों को हिरासत में लेकर लूटा गया पैसा और सामान जब्त कर लिया।
पारदी गैंग ने ही सोना खरीदने बुलाया और लूट लिया दरअसल, एक टूर के दौरान छत्तीसगढ़ के रायपुर में पदस्थ ट्रैफिक कॉन्स्टेबल मयंक खूटे की पहचान खंडवा के पारदी गैंग के सदस्य से हुई थी। उसने कॉन्स्टेबल को घर की खुदाई में सोना मिलने की बात बताई और एक किलो सोने को सस्ते में खरीदने के लिए कॉन्स्टेबल को खंडवा बुलाया।
शनिवार रात कॉन्स्टेबल अपने भाई और एक अन्य कर्मचारी के साथ खंडवा पहुंचे। उन्हें सोना लेने के लिए हरदा जिले की सीमा से सटे हरसूद क्षेत्र में बुलाया गया। यहां पारदी गैंग के चार लोगों ने कॉन्स्टेबल को सोना नहीं दिया, लेकिन उनके पास 17 लाख रुपए से भरा बैग लूट लिया।
ढाबे पर लगे सीसीटीवी कैमरे से आरोपियों की पहचान हरसूद टीआई राजकुमार राठौर ने बताया कि घटना 31 अगस्त रविवार की सुबह 7:30 बजे हुई थी। कॉन्स्टेबल और उनके साथियों ने पहले खुद पारदी गैंग की तलाश की, फिर सोमवार दोपहर थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया।
कॉन्स्टेबल के मुताबिक, लुटेरों के साथ उन्होंने एक ढाबे पर भोजन किया था। पुलिस ने वहां लगे सीसीटीवी कैमरे और कॉल डिटेल्स की मदद से बदमाशों की पहचान की। मंगलवार अलसुबह तक पारदी गैंग के चारों सदस्यों को हिरासत में लिया गया।
पारदी गैंग के सदस्यों में युवराज उर्फ सेवकराम पिता रामराणा, ग्राम भीलखेड़ी, पिपलोद और शबनम पिता सापीलाल, ग्राम बेडियाव शामिल हैं। उनके कब्जे से 17 लाख रुपए नकद, मोबाइल और एटीएम कार्ड बरामद किए गए।
पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया। उनसे लूट का माल भी जब्त कर लिया गया है।
पहले पैसे लिए, सोना मांगा तो लाठी लेकर पीटने दौड़े लुटेरों ने कॉन्स्टेबल और उनके साथ आए भाई और साथी को विश्वास में लिया। कहा कि पहले आपको पैसा देना होगा, उसके बाद हम आपको सोना देंगे।