उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले से अन्य जिलों के लिए चलने वाली बसों की सेवाएं शाम ढलते ही ठप हो जाती है, जैसे जौनपुर, वाराणसी,प्रतापगढ़, प्रयागराज,अमेठी और रायबरेली के यात्रियों को शाम ढलते ही रोडवेज बसों का संचालन बंद हो जाता है. दूर दराज से आए हुए नजानकार यात्रियों को बस सेवाएं ठप मिली,जिससे उन्हें निराश होना पड़ा और फिर रेलवे का सहारा लेना पड़ता है और कुछ यात्रियों को तो घर वापस जाने को मजबूर हो पड़ा.
इससे यह लगता है कि कहीं न कहीं रोडवेज कर्मी भी सरकार को चूना लगाने में पीछे नहीं है. जिसके कारण सरकार को रोडवेज से लाखों का घाटा हो रहा है. शाम ढलते ही बस स्टेशन सुल्तानपुर पर सन्नाटा छा जाता है. मानो कि यहां से कोई भी बस सेवाएं उपलब्ध नहीं है. जहां यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए शहर से बाहर अमहट या तो फिर पयागीपुर चौराहा जाना पड़ता है. तब उन्हें वहां से निजी वाहनों की सेवाएं उपलब्ध हो पति है. VVIP जिला अमेठी और रायबरेली को जाने वाले यात्रियों की मुश्किलें और भी बढ़ जाती हैं,क्योंकि उस रास्तों पर निजी वाहन भी कम मिलते हैं,परिवहन निगम सुल्तानपुर की लगभग डेढ़ सौ बसें संचालित हैं,निगम और अनुबंधित बसें हैं. बस संचालन सीमित है,लगभग दोपहर से वाराणसी जाने वाली कोई सेवा नहीं है, प्रयागराज अपरान्ह बाद और अमेठी रायबरेली शाम ढलने के बाद कोई बस नहीं मिलती. जबकि यात्रियों को निजी साधनों का सहारा लेनी पड़ती है. शाम होने बाद कोई बस सेवाएं नहीं मिलती, जिसके बाद मजबूरी में ई-रिक्शा से पयागीपुर जाना पड़ता है.
एआरएम ने बताया कि दोपहर के समय ट्रैफिक अधिक होने के कारण अयोध्या प्रयागराज,जौनपुर और वाराणसी जाने वाली बसें सीधे हाईवे से ही निकाल दी जाती हैं. उन्होंने कहा कि यात्रियों को सुविधा दिलाना परिवहन निगम की पहली प्राथमिकता है, लेकिन वह कौन सी सुबिधा की कर रहे बात,जहां यात्री को खुद अपने जेब खर्च से ईं रिक्शा कर पयागीपुर और अमहट चौराहा तक का सफ़र करना पड़ता है.