सूरजपुर: रात के अंधेरे में पीछा करते हुए कार पर जानलेवा हमला… शीशे चटक गए, सवार लोग खून से लथपथ हुए और दहशत का माहौल फैल गया. यह कोई फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि 10 अगस्त 2025 की काली रात का सच है. उचंडीह रेलवे क्रॉसिंग के पास घटी इस वारदात ने आम लोगों की रूह तक कंपा दी. मामला उस समय का है जब जामपारा बैकुंठपुर निवासी राजेंद्र सूर्यवंशी (33 वर्ष) अपने परिजनों के साथ कार से वाड्रफनगर से बैकुंठपुर जा रहे थे.
रात करीब 10 बजे जैसे ही उनकी गाड़ी उचंडीह रेलवे क्रॉसिंग के पास पहुंची, अचानक मोटरसाइकिल सवार अज्ञात युवक पीछा करने लगे. कुछ ही पलों में कार पर पत्थरों की बरसात शुरू हो गई. तेज पथराव से कार का शीशा चटक गया और अंदर बैठे लोगों के सिर व हाथ पर चोटें आईं. परिजन चीखते-चिल्लाते रह गए और चारों ओर दहशत का आलम फैल गया. मामला बेहद गंभीर था और सूचना सीधे डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर प्रशांत सिंह ठाकुर तक पहुंची. उन्होंने तत्काल चौकी बसदेई पुलिस को आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए.
जांच में खुला बड़ा राज
प्रार्थी की रिपोर्ट पर चौकी बसदेई पुलिस ने धारा 296(इ), 115(2), 324(2), 3(5) बीएनएस के तहत अपराध दर्ज कर जांच शुरू की. आरोपी कौन हैं, यह बड़ा सवाल था. पुलिस ने गांव-गांव दबिश दी, गुप्त सूचना एकत्र की और आखिरकार वारदात का राज खुल ही गया. चार आरोपी पकड़े गए, शोभनाथ राजवाड़े पिता सीताराम राजवाड़े, रवि राजवाड़े पिता कैलाश प्रसाद राजवाड़े, उत्तम राजवाड़े पिता उमेश राजवाड़े, ओमप्रकाश राजवाड़े पिता नंदलाल राजवाड़े. सभी आरोपी ग्राम सिरसी, चौकी बसदेई निवासी हैं. पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि वही लोग कार का पीछा कर रहे थे और उन्होंने ही पत्थर बरसाए.
हथियार बनी मोटरसाइकिल
आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त दो मोटरसाइकिल भी जब्त की. हालांकि इस गिरोह का एक आरोपी अभी फरार है, जिसकी तलाश जारी है. इस पूरे ऑपरेशन में चौकी प्रभारी योगेंद्र जायसवाल के साथ प्रधान आरक्षक बालमुकुंद पांडे, प्रधान आरक्षक महेंद्र सिंह, आरक्षक देवदत्त दुबे, निलेश जायसवाल, रामकुमार, अशोक केवट और राकेश सिंह की भूमिका महत्वपूर्ण रही.
दहशत में लोग, सवालों के घेरे में सुरक्षा
रात में घटी इस वारदात ने लोगों को डरा दिया है. लोग कह रहे हैं कि अगर परिवार समेत सफर करना इतना खतरनाक हो गया है, तो सुरक्षा का क्या मतलब? घटना के बाद से ग्रामीणों में आक्रोश है और वे मांग कर रहे हैं कि फरार आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जाए. सस्पेंस और खौफ से भरी यह वारदात एक बार फिर बता गई कि असामाजिक तत्व किस हद तक बेखौफ हैं, लेकिन बसदेई पुलिस की तत्परता ने साबित कर दिया कि कानून से कोई बच नहीं सकता.