उत्तर प्रदेश: श्रावस्ती जनपद में जमुनहा तहसील क्षेत्र में राप्ती नदी का तांडव जारी है. राप्ती की क्रूर लहरें 125 बीघा से अधिक कृषि योग्य जमीन निगल चुकी हैं. इससे तीन गांवों में दहशत का माहौल है, ग्रामीण बेबस आंखों से फसल लगे खेतों को कटते देख रहे हैं. जलस्तर घटने के साथ ही राप्ती ने कटान तेज कर दी है. कटान करते हुई नदी तेजी से जमुनहा की ग्राम पंचायत कथरामाफी व उसके मजरों की ओर से बढ़ रही है. कटान करती हुई लगभग 75 मीटर दूर तक पहुंच गई है, इससे पूरे गांव में दहशत का माहौल बन गया है.
ग्रामीण गांव के अस्तित्व को बचाने के लिए ठोकर बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक इसकी कवायद शुरू नहीं हो सकी है. ग्रामीणों ने बताया कि नदी ने कथरा माफी के मजरा हसनापुर व सलारूपुरवा निवासी रक्षाराम व राजेश के छह-छह बीघा, बुधराम, ओमकार व राजाराम के आठ-आठ बीघा, राम जियावन, राम उजागर, सरसता व मोती लाल के चार-चार बीघा, छत्रपाल, रामसमुझ के दो-दो बीघा, गुरुदीन के ढाई बीघा, रामानंद, मस्तराम व हरिओम के साढ़े सात बीघा, कंधई के पांच बीघा खेतों को काट कर अपने में समाहित कर लिया है.
वीरपुर में भी कटान तेज
राप्ती वीरपुर लौकीहा के मजरा वीरपुर में भी तेजी से कटान कर रही है. गांव निवासी सुंदर लोनिया के छह बीघा, मस्तराम के डेढ़ बीघा, शिव कुमार पाठक के तीन बीघा, बाबूराम पाठक का एक बीघा, अमिरका के साढ़े तीन बीघा, बाबादीन के दो बीघा, सद्दाम के दो बीघा समेत कई किसानों के खेतों को निगल लिया है.