मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां 50 वर्षीय महिला को ठगों ने 40 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट में रखा और उससे 5 लाख 9 हजार रुपए की ठगी कर ली। महिला को झांसे में लेने के लिए आरोपियों ने खुद को क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर बताकर डराया कि घर में मछली और कछुए पालना गैरकानूनी है और इसके लिए उसे जेल जाना पड़ सकता है।
घटना बिरलाग्राम थाना क्षेत्र की है। पीड़ित महिला सरोज माली तबीयत खराब होने पर नागदा स्थित अपनी बहन के घर गई हुई थीं। इसी दौरान 12 अगस्त की शाम उसे एक कॉल आया, जिसमें ठग ने खुद को क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर बताते हुए कहा कि उसके घर में कछुए और मछलियां पालना अपराध है और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। घबराई महिला ने कॉल करने वाले की बातों पर भरोसा कर लिया।
आरोपियों ने महिला को चेतावनी दी कि वह इस मामले की जानकारी किसी को न दे। 12 से 14 अगस्त तक लगभग 40 घंटे तक महिला लगातार ठगों के संपर्क में रही और उनके दबाव में उसने नागदा में गहने गिरवी रखकर 5 लाख 9 हजार रुपए की रकम जुटाई और ठगों को सौंप दी।
पुलिस की जांच में सामने आया कि महिला को डराने के लिए गिरोह के अन्य सदस्य ने भी फोन कर यह कहानी गढ़ी कि उसके साथ भी ऐसा हुआ था और उसे जेल तक जाना पड़ा था। इससे पीड़ित महिला और भी भयभीत हो गई और पैसे देने को तैयार हो गई।
महिला ने 15 अगस्त को बिरलाग्राम थाने में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने कॉल डिटेल्स खंगालते हुए आरोपियों की पहचान की और राजेश उर्फ राज, युक्ति बैरागी और बलराम जाट को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से करीब 2 लाख 89 हजार रुपए भी जब्त किए गए हैं।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि महिला इतनी डरी हुई थी कि उसने अपनी बहन को भी कुछ नहीं बताया। बाद में ही उसने घटना की जानकारी परिवार और पुलिस को दी। फिलहाल पुलिस ज्वेलर और गिरोह से जुड़े अन्य पहलुओं की भी जांच कर रही है। यह मामला डिजिटल धोखाधड़ी का एक नया और खतरनाक तरीका सामने लाता है, जिसमें डर और दबाव बनाकर लोगों को जाल में फंसाया जा रहा है।