छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले से लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां सड़क हादसे में घायल एक मरीज को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) लाया गया, जहां मौजूद डॉक्टर ने खुद टांके लगाने के बजाय एम्बुलेंस ड्राइवर से यह काम करवा दिया। इस घटना का वीडियो सामने आते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया और डॉक्टर, ड्रेसर स्टाफ और ड्राइवर के खिलाफ FIR दर्ज कराने के आदेश दिए गए हैं।
घटना 12 अगस्त की रात की बताई जा रही है। डोंगा खम्हरिया निवासी युवक नोमेश ध्रुव सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था। रात करीब 10:15 बजे उसे 112 एम्बुलेंस से बागबाहरा सीएचसी लाया गया। उस समय डॉ. सौम्य रंजन पटेल ड्यूटी पर थे। इलाज के दौरान जब मरीज को टांके लगाने की जरूरत पड़ी तो डॉक्टर की मौजूदगी में नीली टी-शर्ट पहने एम्बुलेंस ड्राइवर मनोज यादव ने मरीज के सिर पर टांके लगा दिए। इस दौरान डॉक्टर उसे बताते रहे कि कैसे टांके लगाने हैं।
मामले की फोटो और वीडियो किसी ने बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए। वायरल होते ही स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और CMHO डॉ. नागेश्वर राव ने डॉक्टर, ड्रेसर स्टाफ और ड्राइवर के खिलाफ FIR दर्ज कराने के निर्देश दिए। साथ ही जांच टीम का गठन कर दिया गया है। CMHO ने कहा कि ऐसी लापरवाही गंभीर है और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
यह पहली बार नहीं है जब छत्तीसगढ़ में ऐसी चौंकाने वाली लापरवाही सामने आई हो। इससे पहले गरियाबंद जिला अस्पताल में महिला गार्ड द्वारा मरीज को इंजेक्शन लगाए जाने का मामला वायरल हुआ था। उस घटना पर हाईकोर्ट ने भी संज्ञान लेते हुए शासन को कड़ी फटकार लगाई थी।
स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े इन मामलों ने सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था और जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं मरीजों की जान से खिलवाड़ हैं और यदि समय रहते सुधार नहीं हुआ तो स्वास्थ्य तंत्र पर से जनता का भरोसा उठ सकता है।