उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद क्या बीजेपी से नराज चल रहे हैं? उनके घर के सामने विशाल होर्डिंग राजनीतिक चर्चा और कयासों के केंद्र में है. इस होर्डिंग में जो संदेश है उसमें चेतावनी भी है और सलाह भी. इसमें लिखा है, ‘निषाद की ताकत को मत आजमाओ, भरोसे को यूं मत गंवाओ’. यह किसके लिए है ये आप बखूबी समझ सकते हैं.
अभी बीते हफ़्ते ही मंत्री संजय निषाद द्वारा गोरखपुर में दिया एक बयान चर्चा में आया, जिसमें उनकी नाराजगी झलकी थी. वह बीजेपी को गठबंधन तोड़ने तक की बात तक बोल बैठे थे. 26 अगस्त को गोरखपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉक्टर संजय निषाद ने बीजेपी को खुली चुनौती देते हुए कहा, अगर बीजेपी को लगता है कि हमें गठबंधन में रखने से कोई फायदा नहीं है, तो वह गठबंधन तोड़ सकती है. लेकिन यह भ्रम न पाले कि यूपी की जीत सिर्फ उसकी थी. यह जीत हमारी सामूहिक ताकत का नतीजा थी.
मगर Fसके बाद दो तस्वीरें सामने आईं. एक में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से मुलाकात की तस्वीर और दूसरे में मुख्यमंत्री योगी से मिलते हुए तस्वीर. मिलने के बाद अपनी शिकायत रखने और उनके शिकायत पर कार्रवाई का आश्वासन मिला. ये बात उन्होंने खुद बताई.
यूपी NDA में सब ठीक नहीं!
संजय निषाद नाराजगी भी जता गए और बात भी मिला गए लेकिन चर्चाओं और कयासों के बीच विपक्ष को भी मौका मिल गया. सपा और कांग्रेस दोनों का कहना है कि यूपी NDA में सब ठीक नहीं चल रहा है. अब संजय निषाद की नाराजगी का कारण तो वो खुल कर बता ही चुके हैं और ज़ाहिर तौर पर अगर नाराज़गी दूर हो गई होती तो ‘कार्यकर्ताओं की भावनाएं’ ऐसे विशाल होर्डिंग में छप कर संजय निषाद के सरकारी आवास के सामने न लगी होती. मतलब सीएम, डिप्टी सीएम वाली मुलाकात का रिजल्ट अभी अवेटेड है.