जयपुर: एसएमएस मेडिकल कॉलेज में दुनिया का पहला पॉलीमर माइट्रल वॉल्व सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित, मेडिकल कॉलेज ने रचा इतिहास

जयपुर: एसएमएस मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने एक बार फिर चिकित्सा के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है. कार्डियक सर्जरी के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए एसएमएस मेडिकल कॉलेज ने दुनिया का पहला पॉलीमर माइट्रल वॉल्व का सफल प्रत्यारोपण किया है. यह जटिल ऑपरेशन 38 वर्षीय मरीज पर किया गया. इस सर्जिकल टीम का नेतृत्व कार्डियक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल शर्मा ने किया. इस टीम में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मोहित शर्मा, प्रोफेसर डॉ. सुनील दीक्षित और सीनियर प्रोफेसर एनेस्थीसिया डॉ. अंजुम और डॉ. रीमा शामिल रहे.

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अमेरिका की फोल्डेक्स कंपनी द्वारा विकसित और भारत में डॉल्फिन लाइफ साइंस एलएलपी द्वारा निर्मित यह विशेष वॉल्व लाइफ पॉलीमर से बनाया गया है. इस उपलब्धि पर कॉलेज प्राचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी ने भी चिकित्सकों की टीम को बधाई दी है. डॉ. माहेश्वरी ने बताया कि हार्ट वॉल्व रिप्लेसमेंट में यह क्रांतिकारी पहल है यह वॉल्व रूमेटिक हृदय रोग से पीड़ित और युवा मरीजों के लिए नई आशा लेकर आया है। गौरतलब है कि पिछले दो सालों से इस वॉल्व पर एसएमएस मेडिकल कॉलेज में रिसर्च हो रही थी. जनरल ऑफ अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के जर्नल में भी यह रिसर्च प्रकाशित हुआ है

चिकित्सकों ने बताया कि अब तक दुनिया में अधिकांश कार्डियक मरीजों को मैकेनिकल और बायोप्रोस्थेटिक वॉल्व ही लगाए जाते थे। अब नए तरीके के पॉलीमर वॉल्व की लॉन्चिंग के बाद, इन वॉल्व में न तो मरीज की आर्टरी में कैल्शियम जमने की दिक्कत होगी और न ही आवश्यकता होगी खून पतला करने की गोली खाने की साथ ही पारंपरिक मैकेनिकल वॉल्व, जिन्हें आजीवन ब्लड थिनर की आवश्यकता होती है, या टिश्यू वॉल्व जो समय के साथ खराब हो जाते हैं — उनकी तुलना में यह पॉलीमर वॉल्व लंबे समय तक टिकाऊ, सुरक्षित और ब्लड थिनर से मुक्त है

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