अब छोटे कुत्तों की जान बचाएगा डायलिसिस, देश में शुरू हुई खास सुविधा

पालतू जानवरों के शौकीनों के लिए राहत भरी खबर है। अब छोटे कुत्ते यानी टॉय ब्रिड पपीज को किडनी फेल होने पर मौत का शिकार नहीं होना पड़ेगा। पंजाब स्थित गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी (GADVASU), लुधियाना में छोटे कुत्तों के लिए अत्याधुनिक डॉग डायलिसिस यूनिट अपग्रेड की गई है। यह सुविधा अब देशभर के पालतू कुत्तों को नई जिंदगी देने में मदद करेगी।

विशेषज्ञों के अनुसार, अब तक बड़े आकार के कुत्तों को ही डायलिसिस की सुविधा मिल पाती थी। छोटे कुत्तों की नसें और शरीर के आकार के कारण यह प्रक्रिया मुश्किल हो जाती थी। लेकिन अब अपग्रेडेड तकनीक के जरिए छोटे से छोटे टॉय ब्रिड पालतू कुत्तों पर भी सफलतापूर्वक डायलिसिस किया जा सकेगा।

किडनी फेलियर कुत्तों में तेजी से बढ़ती समस्या है। खासकर पालतू पपीज में यह बीमारी जानलेवा साबित हो रही थी। डॉक्टरों का कहना है कि डायलिसिस के जरिए कुत्तों के खून से टॉक्सिन्स बाहर निकाले जाते हैं और उनकी किडनी को आराम देकर रिकवरी का मौका दिया जाता है। इससे उनकी जीवन प्रत्याशा और क्वालिटी ऑफ लाइफ दोनों में सुधार होता है।

GADVASU की इस पहल को देशभर में पालतू प्रेमी एक बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं। पहले पालतू मालिकों के पास अपने छोटे कुत्तों के इलाज का विकल्प बेहद सीमित था। अब लुधियाना में शुरू हुई इस सुविधा का लाभ न सिर्फ पंजाब बल्कि पूरे देश से आए लोग उठा सकेंगे।

विशेषज्ञों ने हालांकि यह भी चेतावनी दी है कि डायलिसिस कोई स्थायी इलाज नहीं है। किडनी फेलियर से बचाने के लिए सही डाइट, नियमित जांच और समय पर दवाइयां जरूरी हैं। लेकिन यह सुविधा उन कुत्तों के लिए उम्मीद की किरण है, जिनकी जान पहले नहीं बचाई जा सकती थी।

इस तरह भारत में पशु चिकित्सा सेवाओं में एक और बड़ा कदम उठाया गया है, जो पालतू जानवरों और उनके मालिकों दोनों के लिए सुकून और राहत लेकर आया है।

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