बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। इसी क्रम में गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार बीजेपी कोर ग्रुप के नेताओं के साथ अहम बैठक की। इस बैठक में चुनाव प्रचार, उम्मीदवारों के चयन, घोषणा पत्र और विपक्ष के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में खासतौर पर SIR यानी वोटर लिस्ट रीविजन को लेकर विपक्ष की सक्रियता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिवंगत मां पर कांग्रेस द्वारा की गई विवादित टिप्पणी पर भी चर्चा हुई। इन मुद्दों पर पार्टी ने रणनीति तैयार की और कार्यकर्ताओं को जमीन पर सक्रिय करने का फैसला किया।
बैठक में यह तय किया गया कि 25 सितंबर तक विधानसभा स्तर पर एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा चुनाव अभियान समिति का गठन जल्द किया जाएगा, जिसमें सभी बड़े नेता शामिल होंगे और प्रचार की कमान संभालेंगे।
बीजेपी के बिहार अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बताया कि इस बैठक में उम्मीदवारों के चयन को लेकर भी रूपरेखा तय हुई। उम्मीदवारों के नाम तय करने से पहले जिला और विधानसभा स्तर पर मंथन किया जाएगा ताकि स्थानीय इकाई की राय को महत्व दिया जा सके। हालांकि, सीट शेयरिंग पर इस बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई।
गृहमंत्री शाह और अध्यक्ष नड्डा के साथ हुई इस बैठक में बिहार बीजेपी कोर ग्रुप के 13 सदस्य मौजूद रहे। इसमें प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय सहित अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि चुनाव के दौरान दूसरे राज्यों से आने वाले प्रभारी नेताओं को विधानसभा स्तर की जिम्मेदारी दी जाएगी और वे अपने-अपने क्षेत्रों में कैंप करके रणनीति पर नजर रखेंगे।
पार्टी आलाकमान ने बिहार नेताओं को केवल भाषणबाजी तक सीमित न रहने और जमीन पर मजबूती से काम करने की नसीहत दी। सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी की मां पर विवादित बयान के बाद बिहार बीजेपी की निष्क्रियता से शीर्ष नेतृत्व नाखुश है। इसलिए नेताओं को चेताया गया कि चुनावी वक्त में पूरी तरह कमर कसकर मैदान में उतरना होगा।
सूत्रों का कहना है कि चुनाव की तारीखों से पहले गृहमंत्री शाह ऐसी ही छह और बैठकें करेंगे, जिनसे संगठन और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया जाएगा और विपक्ष का मुकाबला करने की रणनीति को धार दी जाएगी।