इटावा: भाजपा और कांग्रेस के बीच हुआ 1 सितंबर का विवाद अब अदालत तक पहुँच गया है. उस दिन भाजपा नेताओं के विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं पर पथराव और सदर विधायक सरिता भदौरिया पर जानलेवा हमले का आरोप लगा था. पुलिस ने मामले में नौ कांग्रेस नेताओं को गंभीर धाराओं में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. गुरुवार देर शाम विशेष न्यायालय एससी-एसटी कोर्ट तृतीय के न्यायाधीश संजय कुमार ने छह नेताओं को राहत देते हुए 50-50 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी.
जिन नेताओं को जमानत मिली है, उनमें शहर अध्यक्ष राशिद खान, पूर्व जिलाध्यक्ष मलखान सिंह, पूर्व शहर अध्यक्ष पल्लव दुबे, पीसीसी सदस्य प्रशांत तिवारी, अमित त्रिपाठी और आसिफ जारदान शामिल हैं. वहीं कांग्रेस जिलाध्यक्ष आशुतोष दीक्षित, कोमल सिंह कुशवाहा और एक अन्य नेता की जमानत याचिका मंजूर नहीं हो सकी है. अब उनकी अर्जी शनिवार को दोबारा दाखिल की जाएगी.
कांग्रेस की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता देवेंद्र पाल सिंह ने कहा कि गिरफ्तारी बीएनएसएस की धारा 109 में हुई थी, जिसमें सात साल तक की सजा का प्रावधान है, लेकिन यह धारा इस मामले में लागू नहीं हो रही थी. इसी आधार पर अदालत ने छह नेताओं को जमानत दी.
कांग्रेस ने पूरे घटनाक्रम को राजनीतिक साजिश बताया है. प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पहले ही जेल के बाहर धरने पर बैठकर विरोध जता चुके हैं. वहीं भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस ने सुनियोजित तरीके से उनके शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर हमला कराया.