अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को नए अमेरिका-जापान व्यापार समझौते को लागू करने वाले एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किया. उन्होंने इसे ‘अमेरिका-जापान व्यापार संबंधों के एक नए युग’ की शुरुआत बताया.
इस आदेश में अमेरिका में आने वाले करीब सभी जापानी आयातों पर 15 फीसदी का बेसलाइन टैरिफ लगाया गया है, जबकि ऑटोमोबाइल और ऑटो पार्ट्स, एयरोस्पेस उत्पादों, जेनेरिक दवाओं और घरेलू स्तर पर उपलब्ध न होने वाले प्राकृतिक संसाधनों को सेक्टर-स्पेसिफिक छूट दी गई है.
बता दें कि शुरुआती दौर में ट्रंप प्रशासन ने जापान और साउथ कोरिया पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया था. बीच में ट्रेड डील पर अमेरिका और जापान के बीच बात अटक भी गई थी. अब आखिरकार ट्रंप प्रशासन ने 15 फीसदी बेसालाइन टैरिफ जापान पर लगाने की मुहर लगाई.
व्हाइट हाउस के बयान में कहा गया है, “इस समझौते के तहत, अमेरिका आने वाले करीब सभी जापानी आयातों पर अमेरिका 15 फीसदी का बेसलाइन टैरिफ लगेगा.” साथ ही, यह भी कहा गया है कि यह ढांचा पारस्परिकता के सिद्धांतों और हमारे साझा राष्ट्रीय हितों पर आधारित है.”
इस समझौते की सबसे खास विशेषताओं में से एक जापान द्वारा अमेरिका में 550 अरब डॉलर का इन्वेस्टमेंट करने का वादा है, जिसे आदेश में ‘अमेरिकी इतिहास में किसी भी अन्य समझौते से अलग’ बताया गया है. व्हाइट हाउस ने कहा कि इन निवेशों से रोज़गार पैदा होंगे, मैन्युफैक्चरिंग का विस्तार होगा और नेशनल सिक्योरिटी मज़बूत होगी.
इस समझौते के तहत जापान यूएस-मेड कमर्शियल एयरक्राफ्ट, डिफेंस इक्विपमेंट और चावल, मक्का, सोयाबीन, उर्वरक और बायोएथेनॉल सहित अरबों डॉलर मूल्य के कृषि उत्पाद खरीदने के लिए भी प्रतिबद्ध है. टोक्यो न्यूनतम पहुंच योजना के तहत अपने चावल आयात में 75 फीसदी की बढ़ोतरी करने पर सहमत हुआ है, जिससे जापान को अमेरिकी कृषि निर्यात करीब 8 अरब डॉलर प्रति वर्ष हो जाएगा.
आदेश में कहा गया है कि यह समझौता अमेरिकी प्रोडक्ट्स के लिए एक जैसा मौका देता है, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखता है, अमेरिकी निर्यात और निवेश-आधारित उत्पादन का विस्तार करता है, और जापान के साथ व्यापार घाटे को कम करने में मदद करता है.”
जापानी वार्ताकार अकाज़ावा रयोसेई इस हफ्ते एक और दौर की वार्ता के लिए वॉशिंगटन में थे, जबकि कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए जा रहे थे.