खेत में बनाया तहखाना, प्रिंटर से छापने लगे नकली नोट… छापा पड़ा तो 40 लाख के नकली नोट मिले

बनासकांठा पुलिस की लोकल क्राइम ब्रांच (LCB) ने डीसा तालुका के महादेविया गांव में छापेमारी की. इस दौरान नकली नोट छापने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ. पुलिस ने मौके से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि एक आरोपी फरार हो गया. इस दौरान पुलिस ने मौके से पांच प्रिंटर, स्टेशनरी का सामान और लगभग 40 लाख रुपये के नकली नोट बरामद किए हैं.

पुलिस को सूचना मिली थी कि महादेविया गांव में एक खेत में बने तहखाने में नकली नोटों का कारोबार चल रहा है. इसी आधार पर देर रात छापेमारी की गई. छापेमारी के दौरान पुलिस ने मास्टरमाइंड संजय सोनी और कौशिक श्रीमाली को गिरफ्तार कर लिया, जबकि खेत का मालिक रायमल सिंह परमार फरार हो गया. शुरुआती पूछताछ में दोनों आरोपियों ने नकली नोट छापने की बात कबूल की है.

पुलिस जांच में सामने आया है कि रायमल सिंह परमार के खिलाफ पहले से ही 16 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें फिरौती, निषेध और मारपीट के गंभीर अपराध शामिल हैं. उस पर पहले पासा (गुजरात का कठोर सुरक्षा कानून) के तहत भी एक्शन हो चुका है. इस मामले में जेल से बाहर आने के बाद उसने संजय सोनी के साथ मिलकर अपने खेत में एक तहखाना बनाकर नकली नोट छापने की फैक्ट्री शुरू कर दी.

इस छापेमारी में बरामद उपकरणों से यह साफ हो गया है कि आरोपी बड़े पैमाने पर नकली नोट तैयार करने में लगे थे. पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि यह गिरोह कब से सक्रिय था, अब तक कितनी नकली करेंसी छापी गई और बाजार में कितने नोट चलाए गए. पुलिस का कहना है कि फरार आरोपी रायमल सिंह की तलाश तेज़ी से जारी है और जल्द ही उसे भी गिरफ़्तार कर लिया जाएगा. इस पूरे मामले की गहन जांच की जा रही है.

 

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