उत्तर प्रदेश इस साल शराब की खपत को लेकर सुर्खियों में है. इस साल अब तक यहां के लोगों ने पिछले साल से ज्यादा शराब पी ली है. आबकारी विभाग ने अगस्त 2025 तक अब तक का सबसे बड़ा राजस्व जुटा लिया है. आंकड़े बताते हैं कि इस बार न केवल शराब की बिक्री बढ़ी है, बल्कि इसके जरिए सरकार की आमदनी ने भी नया कीर्तिमान रच दिया है.
आबकारी विभाग के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश ने जनवरी से अगस्त 2025 तक कुल 22,337.62 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है. यह रकम पिछले साल की तुलना में लगभग 3,021.41 करोड़ रुपये ज्यादा है. यानी शराब की बोतलें जितनी तेजी से गली-मोहल्लों से लेकर बड़े बाजारों में बिकीं, उतनी ही तेजी से सरकार का खजाना भी भरता गया.
अगस्त में भी टूटा रिकॉर्ड
सिर्फ अगस्त माह की बात करें तो आंकड़े और भी चौंकाने वाले हैं. अकेले इसी महीने में प्रदेश ने शराब बिक्री से 3,754.43 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया. यह पिछले साल अगस्त की तुलना में 174.24 करोड़ रुपये ज्यादा है. विशेषज्ञ मानते हैं कि त्योहारों का सीजन, गर्मी के बाद मानसून का दौर और लोगों की जीवनशैली में हो रहे बदलाव इस खपत को बढ़ावा देने वाले प्रमुख कारण हैं.
आबकारी राज्यमंत्री ने दी जानकारी
प्रदेश के आबकारी राज्यमंत्री नितिन अग्रवाल ने बताया कि सरकार लगातार पारदर्शी और सख्त व्यवस्था लागू कर रही है. नतीजा यह हुआ है कि अवैध शराब की बिक्री पर अंकुश लगा और अधिकृत दुकानों से बिक्री बढ़ी. यही वजह है कि राजस्व के आंकड़े नए रिकॉर्ड बना रहे हैं.
उन्होंने कहा कि आबकारी विभाग का मकसद केवल राजस्व जुटाना ही नहीं है, बल्कि शराब की खपत पर निगरानी रखते हुए अवैध कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई करना भी प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि हमारी टीम ने इस साल बड़े पैमाने पर नकली और अवैध शराब के धंधे पर नकेल कसी है, जिससे लोगों का विश्वास बढ़ा और बिक्री अधिकृत माध्यमों से ही हुई.