औरंगाबाद : पैगम्बर मोहम्मद साहब की याद में शुक्रवार को जिले के इस्लाम धर्मावलंबियों द्वारा ईद-ए मिलाद उन नबी धूमधाम से मनाया गया. बताया जाता है कि ईद-ए मिलाद उन नबी जिसे मौलिद या 12 वफ़ात भी कहा जाता है. यह इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबी-उल-अव्वल की 12वीं तारीख को मनाया जाता है, जो पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्म दिवस के रूप में विख्यात है.
इस्लाम धर्म में ईद-ए मिलाद उन नबी का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत बड़ा है. इसे पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्म और उनके जीवन की महान उपलब्धियों को याद करने के लिए मनाया जाता है. इस दिन मुसलमान उनके आदर्शों और शिक्षाओं को अपनाने का संकल्प लेते हैं और उनके जीवन की मिसाल से प्रेरणा लेते हैं.
इस्लामी इतिहास में यह दिन प्रेम, एकता और आध्यात्मिक जागरूकता का प्रतीक माना जाता है, जो पूरे विश्व के मुसलमानों को एकजुट करता है. मुहम्मद साहब के विचारधारा एवं पैगामो को लोगों तक पहुंचने के लिए जिले के विभिन्न हिस्सों में धर्मयात्रा निकली गई। जिसके माध्यम से लोगों के बीच पैगम्बर के उपदेशों को बताया गया.
इस्लाम धर्म के अनुयायियों ने बताया कि आज के दिन लोग नेक काम करने की कोशिश करते हैं. गरीबों और जरूरतमंद लोगों को दान दिया जाता है. वहीं कई जगहों पर विद्वान और कई अरबी सूफी की प्रसिद्ध कविता, कासिदा अल बुरदा शरीफ का पाठ करते हैं। बच्चों को पैगंबर साहब की जिंदगी और कुरान की शिक्षाओं के किस्से सुनाए जाते हैं.