जबलपुर: 13 घंटे पहले सिवनी के कूडो बुधवारा गांव में रहने वाले 19 साल के युवक सत्येंद्र की हत्या का पुलिस ने गुरुवार को खुलासा कर दिया. सत्येंद्र की हत्या गांव के ही आशीष ने की थी. आरोपी ने सत्येंद्र को इसलिए मार दिया, क्योंकि वह उसकी बहन से बात करता था. आरोपी ने अपने चार दोस्तों के साथ मिलकर उसे बहलाकर जंगल ले गया और गला दबाकर मार दिया. मामले में पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में लिया है, जिसने पूछताछ में पुलिस को यह जानकारी दी है.
19 वर्षीय मृतक सत्येंद्र रायगढ़ छत्तीसगढ़ में प्राइवेट जाॅब करता था, जबकि आरोपी भोपाल में काम किया करते थे. रक्षाबंधन में सभी गांव आए थे. सत्येंद्र 15 अगस्त को घर से निकला था, अगले दिन भी जब घर नहीं पहुंचा था. घंसौर थाने में परिजनों ने गुमशुदगी की दर्ज करवाई. इधर 20 अगस्त को बरगी थाना पुलिस को सूचना मिली कि बीझा के जंगल से बदबू आ रही है, संभवत: किसी की लाश हो सकती है. चौकी प्रभारी टीम के साथ मौके पर पहुंची तो अज्ञात युवक का शव मिला.
21 अगस्त को मेडिकल कॉलेज में जब पीएम हो रहा था, उस दौरान मृतक के परिजन पहुंचे और कड़े एवं राखी से सत्येंद्र ऊईके की पहचान की गई. पीएम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि सत्येंद्र की गला दबाकर हत्या की गई है. बरगी पुलिस सिवनी जिले के उस गांव में पहुंची, जहां पर मृतक सत्येंद्र रहता था. पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि गांव में रहने वाले बिहारी उर्फ आशीष धुर्वे से अक्सर सत्येंद्र का विवाद इसलिए हुआ करता था. बिहारी काे शक था कि दोनों के बीच प्रेम संबंध हैं, जिसे लेकर उसने छोटी बहन को भी फटकार लगाई थी.
दोस्तों के साथ गांव से गायब हो गया बिहारी
ग्रामीणों से पूछताछ के दौरान मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने आशीष धुर्वे उर्फ बिहारी की तलाश शुरू कर दी. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि 15 अगस्त को सचिन और ब्रजेश के साथ वह अंतिम बार देखा था. सचिन यादव पुलिस की गिरफ्त में आ गया, जबकि अन्य आरोपी गांव छोड़कर फरार हो गए थे. सचिन को हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो सत्येंद्र की हत्या करने का प्लान सामने रख दिया. सचिन ने बताया हत्याकांड का मास्टरमाइंड बिहारी उर्फ आशीष था. उसने गांव के ही रहने वाले दोस्त सचिन यादव, ब्रजेश, शिवदीन और हेमराज के साथ मिलकर हत्या का प्लान बनाया.
मंडला घूमने चलने के लिए तैयार किया
प्लान के मुताबिक 15 अगस्त की दोपहर को ब्रजेश ने सत्येंद्र को कॉल कर मंडला घूमने चलने कहा. सत्येंद्र ने हामी भर दी, जिसके बाद सचिन बाइक लेकर उसके घर पहुंचा और उसे बिठाकर गांव से बाहर ले आया, जहां ब्रजेश भी मिल गया. एक ही बाइक से तीनों मंडला के लिए निकले. बीझा के जंगल में बिहारी शिवदीन और हेमराज के साथ सत्येंद्र के आने का इंतजार कर रहा था. सचिन और ब्रजेश सत्येंद्र को लेकर जैसे ही जंगल पहुंचे, तभी बिहारी ने उसे मारना शुरू कर दिया. मृतक ने बीच-बचाव किया तो सभी ने एक साथ मिलकर सत्येंद्र को मारना शुरू कर दिया. हेमराज,शिवदीन,ब्रजेश और सचिन ने हाथ-पैर पकड़े और फिर बिहारी ने गला दबाकर हत्या कर दी. आरोपियों ने शव को घने जंगल में यह सोचकर फेंक दिया कि शरीर जब सड़-गल जाएगा, तो उसकी पहचान नहीं हो पाएगी.
फरवरी में हुआ था विवाद
फरवरी 2025 में सत्येंद्र छुट्टी लेकर कुछ दिनों के लिए गांव आया हुआ था. जानकारी जब आशीष को लगी तो वह भी आ गया. दोनों के बीच गांव में ही जमकर लड़ाई हुई थी, दोनों ने एक-दूसरे पर हमला किया था. गांव वालों ने दोनों लड़कों को अलग-अलग करते हुए परिवार वालों को शांत रहने की सलाह दी थी. कुछ दिन गांव में रुकने के बाद सत्येंद्र रायगढ़ और आशीष भोपाल काम पर भोपाल चला गया.
एएसपी सूर्यकांत शर्मा ने बताया
मृतक की कॉल डिटेल निकाली गई तो 15 अगस्त की दोपहर को ब्रजेश का कॉल करना सामने आया. एक आरोपी सचिन को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि मुख्य आरोपी बिहारी के साथ हेमराज, ब्रजेश और शिवदीन अभी फरार है. पुलिस तलाश कर रही है.