दंतेवाड़ा-नारायणपुर बॉर्डर पर एनकाउंटर: 5-6 नक्सली ढेर, अबूझमाड़ के जंगलों में रुक-रुककर फायरिंग जारी

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा-नारायणपुर जिले की सीमा पर सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ चल रही है। एनकाउंटर में 5 से 6 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। पूर्वी बस्तर डिवीजन में अबूझमाड़ के घने जंगलों में रुक-रुककर फायरिंग चल रही है।

जानकारी के मुताबिक, सुरक्षाबलों की ओर से दंतेवाड़ा और नारायणपुर की डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) टीम संयुक्त अभियान पर निकली थी। इसी दौरान नक्सलियों ने अटैक कर दिया। जवाबी कार्रवाई में जवानों ने नक्सलियों को मार गिराया। मुठभेड़ की पुष्टि दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय ने की है।

छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर 4 नक्सली हुए थे ढेर

इसके पहले 28 अगस्त को छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर में 4 नक्सलियों को मार गिराया था। मौके से बड़ी तादाद में हथियार बरामद किए गए थे। नारायणपुर जिले और गढ़चिरौली बॉर्डर इलाके में तलाशी के दौरान सभी के शव बरामद कर लिए गए हैं। मामला गढ़चिरौली के कोपरशी गांव का है।

जानकारी के मुताबिक जवानों को नक्सलियों की मौजूदगी की खुफिया सोर्स से इनपुट मिले थे। गढ़चिरौली पुलिस की सी-60 कमांडो टीम को ऑपरेशन पर भेजा गया। टीम ने कोपरशी गांव के पास जंगल में सर्च शुरू किया, तभी नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में नक्सली मारे गए।

शाह की डेडलाइन, 2026 तक करेंगे नक्सलवाद का खात्मा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अगस्त 2024 और दिसंबर 2024 में छत्तीसगढ़ के रायपुर और जगदलपुर आए थे। वे यहां अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने अलग-अलग मंचों से नक्सलियों को चेताते हुए कहा था कि हथियार डाल दें। हिंसा करोगे तो हमारे जवान निपटेंगे।

वहीं उन्होंने एक डेडलाइन भी जारी की थी कि 31 मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद का खात्मा कर दिया जाएगा। शाह के डेडलाइन जारी करने के बाद से बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन काफी तेज हो गए हैं।

लगातार बड़े नक्सली लीडर मारे जा रहे

  • इससे पहले 21 मई को हुई मुठभेड़ में 27 नक्सली मारे गए। इसमें 1.5 करोड़ का इनामी बसवा राजू भी था।
  • 21 मई की मुठभेड़ से 7 दिन पहले पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कर्रेगुट्टा ऑपरेशन की भी जानकारी दी थी। इसमें 31 नक्सलियों को मार गिराया था।
  • छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर स्थित कर्रेगुट्टा के पहाड़ों पर सुरक्षाबलों ने 24 दिनों तक ऑपरेशन चलाया था।
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