पंजाब में जन्मे, ओमान की कप्तानी… ऐसी है भारतवंशी क्रिकेटर जत‍िंदर स‍िंह की कहानी

यूएई की चमचमाती रोशनी में जब जतिंदर सिंह मैदान पर उतरेंगे, तो उनके कंधों पर सिर्फ बल्ले का बोझ नहीं होगा- बल्कि पूरे ओमान की उम्मीदें टिकी होंगी. पहली बार एशिया कप में उतर रही यह टीम इतिहास रचने का सपना देख रही है.

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लुधियाना में जन्मे जतिंदर ने किशोरावस्था में ओमान का रुख किया था. उनके लिए यह टूर्नामेंट महज एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि निजी मुकाम और ओमान क्रिकेट के लिए ऐतिहासिक छलांग है. कभी भारत और पाकिस्तान से भिड़ने का ख्वाब देखने वाला यह लड़का आज कप्तान बन चुका है.

उन्होंने लंबे समय तक टीम की अगुवाई करने वाले जीशान मकसूद की जगह ली है. 2016 में जब ओमान क्वालिफायर में ही बाहर हो गया था, तब हालात अलग थे. लेकिन इस बार एशिया कप के मुख्य दौर में डेब्यू करने जा रही टीम को ग्रुप-ए में भारत, पाकिस्तान और मेजबान यूएई के साथ रखा गया है. उनका अभियान 12 सितंबर से दुबई में पाकिस्तान के खिलाफ मैच से शुरू होगा.

जतिंदर मानते हैं कि यह एशिया कप ओमान क्रिकेट के लिए नए युग की शुरुआत है. उन्होंने कहा,  ‘हमारा मंत्र बिल्कुल साफ है- निडर होकर क्रिकेट खेलना और ओमान को गर्व महसूस कराना. हम हिस्सा लेने नहीं, बल्कि मुकाबला करने आए हैं. हम दिखाना चाहते हैं कि ओमान इस मंच का हकदार है.’

सिर्फ एक साल पहले करार विवाद के चलते 11 खिलाड़ी सस्पेंड कर दिए गए थे. ऐसे हालात में जतिंदर को टीम को फिर से खड़ा करने की जिम्मेदारी दी गई.  जतिंदर कहते हैं, ‘टीम में कई नए खिलाड़ी हैं. इनमें भूख और जोश है. अनुभव समय के साथ आएगा, फिलहाल उन्हें आत्मविश्वास देना जरूरी है. मुझे गर्व है कि ये खिलाड़ी जल्दी सीख रहे हैं.’

बचपन में उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन ओमान की कप्तानी करेंगे. जतिंदर ने कहा,  ‘मैंने क्रिकेट खेलना सिर्फ इसलिए शुरू किया था क्योंकि मुझे इस खेल से प्यार था. मेरा परिवार खेल से बिल्कुल जुड़ा नहीं था. आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलना और कप्तान बनना मेरे लिए विनम्र अनुभव है. ओमान ने मेरे सपनों को हकीकत बनाया.’

जतिंदर बचपन में सचिन तेंदुलकर से प्रेरित हुए, जबकि आज भी विराट कोहली को अपनी मोटिवेशन मानते हैं. उनका कहना है, ‘सचिन सर की अनुशासन और निरंतरता ने मुझे हमेशा प्रभावित किया. बाद में विराट कोहली की फिटनेस और जुनून से मैंने सीखा कि क्रिकेट में सफलता का रास्ता क्या है.’

पंजाब से नहीं… ओमान से क्रिकेट सफर शुरू

दिलचस्प बात यह है कि जतिंदर ने पंजाब में कभी क्रिकेट नहीं खेला. उनका सफर ओमान से ही शुरू हुआ. उन्होंने कहा, ‘मैंने बिना कोच और अकादमी के शुरुआत की. पहले सीमेंट पिच पर खेला, फिर एस्ट्रो टर्फ और आखिरकार 2011 से टर्फ पिच पर. इन शुरुआती दिनों ने मुझे अनुशासन और धैर्य सिखाया.’

युवा तेज गेंदबाज मुहम्मद इमरान पर जतिंदर को खास भरोसा है. उन्होंने कहा, ‘इमरान बहुत जीवंत खिलाड़ी हैं. उनकी गेंदबाजी एक्शन शोएब अख्तर की याद दिलाता है. उनकी यॉर्कर किसी भी बल्लेबाज को परेशान कर सकती है. अगर वह मेहनत जारी रखते हैं, तो ओमान क्रिकेट को उनका बहुत फायदा होगा.’

जतिंदर का लक्ष्य सिर्फ एशिया कप तक सीमित नहीं है. उन्होंने कहा, ‘हमें ऐसा कल्चर बनाना है जिसमें क्रिकेट को करियर की तरह देखा जाए. फिटनेस, प्रोफेशनलिज्म और बड़ी टीमों से मुकाबले पर ध्यान देकर हम ओमान क्रिकेट को और मजबूत बना सकते हैं.’

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